विश्व हिंदू परिषद अब एक लाश है उसमे अब प्राण नही है । लेकिन परिषद की यह दशा किसने की ? जवाब है संघ । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ स्थापना काल से द्विधा में रहा है और आज भी है । गांधी हत्या के बाद यह इतने डर गए है की हिंदू धर्म का नाम नहीं लेते । जब अयोध्या आंदोलन मा. अशोक जी ने प्रारंभ किया और यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया तो संघ को जलन होने लगी । उनको लगने लगा कही विहिप हमसे आगे चला न जाए। विहिप को सम्पूर्ण भारत में सम्मान मिलने लगा और संघ बिचारा ।
इस आंदोलन में और एक महानुभाव जूड गए डा. प्रवीण तोगड़िया। तोगड़िया जी के जोश पूर्ण ओजस्वी वाणी ने अयोध्या आंदोलन जन जन में फेलता गया । संघ लघुता ग्रंथि का शिकार होता गया पर करे क्या ? देश के साधु संत और सामान्य जन परिषद से जुड़ गया, युवा बजरंग दल से ।
संघ के अंदर मत्सर की ज्वाला धधक रही थी पर करे क्या ? मा. अशोक सिंघल को समाप्त करने के अनेको तरीके अपना ने लगे या तक की तोगड़िया जी को कहा गया की इस बूढ़े को हटाओ हम आपको अध्यक्ष बना देंगे पर तोगड़िया जी ने संघ की बात को अनसुनी कर दी । स्वयं अशोक जी ने तोगड़िया जी को अध्यक्ष बना दिया तब संघ बिचारा हाथ मलता रह गया । उसी दौरान गौधरा की दुर्घटना के बाद मोदी उभर आए संघ ने मोदी और तोगड़िया जी के बीच दरार डालना प्रारंभ कर दिया ।
संघ को लगता था मोदी को समर्थन करके तोगड़िया जी को हटा देंगे । गांधी हत्या के बाद संघ सेक्युलर बनने या दिखने का प्रयास करता रहा, गोडसे के नाम से भागता रहा ठीक इसी तरह गोधरा की लाशों पर सत्ता का सिंहासन मजबूत करने वाले मोदी के अंदर भी अपनी मातृ संस्था के संस्कार प्रगट हो गए, उनका सूत्र, गर्व से कहो हम हिंदू हैं की जगह सब का साथ सब का विकास और सब का विश्वास हो गया । मोदी के प्रधान मंत्री बनने बाद तोगड़िया जी ने राम मंदिर की मांग तेज कर दी, संसद में कानून बनाकर, सोमनाथ की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का आग्रह किया जो मोदी को करना नही था । यह मौके का फायदा संघ ने उठाया और मोदी के पक्ष में बैठ गए ।
मोदी मुस्लिम तरफ जुकते देख संघ ने राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच बना लिया । माने तोगड़िया जी और परिषद को समाप्त करने के लिए संघ को मुसलानों की सेवैया मीठी लगने लगी । स्वयं सेवक मंदिर तो नही गए पर दरगाहे और मस्जिद की सफाई करने लगे । आखिर कुछ विहिप के सत्ता लालची गिरोह जयचंद बनकर तोगड़िया जी की पीठ में खंजर भोकने पर उतारू हो गए । एक तरह कट्टर सनातनी योद्धा तोगड़िया जी दूसरी छद्म हिंदुत्व की प्रतिमूर्ति संघ, सत्ता के लिए मुसलमानो को दामाद बनाने पर उतारू नरेंद्र मोदी की भाजपा और विहिप के जयचंदो ने तोगड़िया जी को विहिप से हटने पर मजबूर कर दिया ।
अहमदाबाद के प्रसिद्ध कैंसर स्पेश्यालिस्ट डा. प्रवीण भाई ने अपनी जवानी के चालीस साल घर, गृहस्थी, व्यवसाय सब छोड़ हिंदू धर्म की रक्षार्थ अपना सर्वस्व ” इदम राष्ट्र, इदम न मम” आहुत कर दिया पर पंडित नाथूराम गोडसे, बलराज मधोक जैसे अनेक हिंदू वादिओ की पीठ में खंजर भोकने वाला छद्म हिंदू वादी संगठन तोगड़िया जी को कैसे छोड़ता ? वही हुआ, संघ ने अपने संस्कार को छोड़ा नहीं पर तोगड़िया जी के हटते ही भगवा ने रंग बदला और सब हरा हो गया । संघ के रामलाल अपनी भतीजी का निकाह मुसलमान से करने लगे और सेलिब्रेशन पूरा संघ परिवार करता है । तोगड़िया जी के हटते ही मुसलमान में अपना DNA ढूंढ लिया। मदरेसा की मुलाकाते होने लगी, संघ कार्यालय में नमाज़ अदा होने लगी । इफ्तार पार्टी करने वालों को गाली देने वाले इफ्तार पार्टी करने लगे। माने नलायकी की सारी हदें पार कर दी ।
संतो को सरकारी गधे बनाने की कोशिश करने लगे। विहिप पर संघ का कब्जा हो गया और संघ पर मोदी का । तोगड़िया जी को समाप्त करने के चक्कर में आज संघ ही अंतिम श्वास ले रहा है । देश भर में संघ की शाखाएं बंध हो रही है कोई शाखा में जाता ही नही । जो दूसरों के लिए खड़ा खोदता है उसी में वह स्वयं गिरता है यह कहावत चरितार्थ हो गई। तोगड़िया जी को देश भारी समर्थन मिल रहा है और बिचारा संघ आज भी मत्सर का शिकार है ।
विहिप प्राण विहीन होते ही संघ ने कब्जा कर लिया और धर्माचार्य मार्गदर्शक मंडल पर नरेंद्र मोदी द्वार के दरवान हंसदास नामक सब घर भटकु साधु ने संत समिति पर सवार होकर विहिप मार्गदर्शक मंडल समाप्त कर दिया । फिर सारसा के महंत और स्वामी नारायणी नौतमदास मनमुखी साधु ने विहिप के बजरंग दल को समाप्त करने के लिए धर्म सेना की रचना की जिस में गुजरात भाजपा के अध्यक्ष पाटिल का आशीर्वाद प्राप्त हुआ ।
अब विहिप पर संघ भाजपा का वर्चस्व है यहां हिंदू हित की नही सत्ता हित की बात होती है । हिंदू पर होने वाले अत्याचार पर चुप रहते और सरकार के पक्ष में मुसलमानो से भाईचारा स्थापित करने का कार्य करते है । धर्मांतरण का विरोध करते है और मुसलमानो में DNA ढूंढते हैं। हिंदू जजबच्चों में हिंदुत्व का उन्माद पैदा करते हैं और फिर बोलते है यह हमारा कार्यकर्ता ही नही । निचोड़ : मर्द का संग करो, दोगलों से सावधान रहे ।
डा. स्वामी गौरांग शरण देवाचार्य
राष्ट्रीय महासचिव : सनातन हिन्दू धर्म आचार्य सभा