संदीप देव। धर्म एवं हतो हन्ति धर्मोरक्षति रक्षित:।
तस्माद् धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।8.15।। मनु स्मृति।
अर्थात्:- हमारे अज्ञान अथवा प्रमाद से हमारे द्वारा हत (नष्ट किया हुआ) धर्म हमें मारता है। भली-भांति रक्षित(पालित) धर्म हमें पालता-पोषता है।
इस कारण धर्म को कभी क्षति नहीं पहुंचानी चाहिए, जिससे हत धर्म हमारा हनन(विनाश) न करे।
नोट: काफी समय बाद किसी फिल्मी सितारे (रणदीप हुड्डा)का विवाह पारंपरिक धार्मिक विधि (मणिपुर के मैतेई वैष्णव विधि) से देखा तो इस पोस्ट में मैंनै यह फोटो पोस्ट कर दिया है। विवाह की मर्यादा भी सनातन धर्म है। धन्यवाद।