क्विंट के मालिक राघव बहल भी एनडीटीवी के मालिक प्रणय राय की तरह मोदी सरकार के खिलाफ पत्रकारिता खतरे में है का पुराना राग आलापने वाले हैं। क्योंकि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनके क्विंट के दफ्तर और घर दोनों जगह छापेमारी की है। आजकल यह चलन बन गया है कि जब भी कोई जांच एजेंसी किसी को घेरती है वह तुरंत ही सरकार पर फंसाने का आरोप लगाने लग जाते हैं। कारण देते हैं कि वह सरकार के गलत चीजों को बाहर ला रहे है इसलिए सरकार ने उसे दबाने के लिए बल प्रयोग कर उनकी आवाज दबा रही है। लेकिन राघव बहल को जानना चाहिए कि उनका यह कोशिश पहले की तरह ही फेल होने वाली है। सवाल उठता है कि आखिर राघव बहल जांच एजेंसियों के साथ ही देश की जनता से छिपा क्या रहे हैं, क्योंकि जो वह बता रहे हैं वह तो गले के नीचे उतर ही नही रहा है।
गौरतलब है कि जब एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय पर सीबीआई का शिकंजा कसा था तो उन्होंने मोदी विरोधियों को इकट्ठा कर प्रेस क्लब में प्रेस खतरे में है का अभियान चलाने का प्रयास किया। लेकिन उनके इस मुहिम को अन्य मीडिया हाउस ने ही साथ नहीं दिया और उनका यह प्रयास विफल हो गया। सभी जान गए है कि प्रणय रॉय पत्रकार के नाम पर सत्ता की दलाली करने लगे हैं।
अब जब राघव बहल जांच एजेंसी के घेरे में आए हैं तो उन्होंने ही वही प्रेस खतरे में है की चाल चलनी शुरू कर दी है। यह इसी बात से जाहिर होता है कि आयकर विभाग के छापे के बाद राखव बहल ने कहा है कि ये लोग आय-कर चोरी की जांच करने आए थे। उन्होंने कहा कि उनके सारे लोग समय से सारे आयकर भर चुके हैं, जिसका कागज उन्हें दे दिखा दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद जो उन्होंने कहा वहीं उनकी मंशा पर सवाल खड़ा कर देता है। उन्होंने कहा कि अगर आयकर अधिकारी पत्रकारिता से जुड़ी चीज या मेल के बारे में कुछ लेना या पूछताछ करना चाहेंगे तो उसका विऱोध भी किया जाएगा और बाद में शिकायत भी की जाएगी। बहल के इस बयान को उनके बाद वाले कदम की भूमिका के रूप में देखा जाना चाहिए। क्योंकि सरकार को घेरने के लिए कुछ तो भूमिका चाहिए।
लेकिन बहल वह बात नहीं बताई है कि आखरि आयकर विभाग ने उनके दफ्तर और घर पर छापेमारी क्यों की? बता दूं कि राघव बहल भी नेटवर्क 18 की स्थापना करने से पहले प्रणय राय की तरह ही एक पत्रकार थे। लेकिन शीघ्र ही उनके पास सीएनबीसी इंडिया, सीएनएन-आईबीएन, सीएनबीसी आवाज, मनीकंट्रोल, फर्स्ट पोस्ट जैसी वेबसाइट और फोर्ब्स इंडिया जैसी पत्रिका के मालिक बन गए। इतना ही नहीं बाद में इन वेंचरों को बेचकर अब द क्विंट नाम की वेबसाइट के मालिक है। आयकर विभाग से जारी बयान के मुताबिक आयकर विभाग ने लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की है। इस मामले में राघव बहल और रितु कपूर पर 118 करोड़ रुपये की फर्जी कमाई करने का आरोप है। लेकिन बहल ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है। बताया है तो पत्रकारिता से जुड़ी चीजों के बारे में जिससे आयकर विभाग का कुछ लेना देना ही नहीं है।
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