संदीप देव। कल इस अद्वितीय पुस्तक पर एक पोस्ट लिखी थी। यह पुस्तक रामजन्मभूमि केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सबसे लंबे समय तक बहस करने वाले और स्कंद पुराण को अंग्रेजों के गाड़े शिला से प्रमाणित करने वाले शंकराचार्य के वकील पीन.एन.मिश्रा जी का शोध प्रबंध है। इसमें पुरातत्व, शिलालेख, मुद्राएं, अभिलेख, ताम्रलेख और इतिहास से प्रमाणित किया गया है कि आदि शंकराचार्य का जन्म आज से 2500 वर्ष पूर्व हुआ था।
इस पर कई लोगों ने इतिहासकार यदुनाथ सरकार और श्रृंगेरी मठ की मान्यता का हवाला देकर इसे झुठलाने का प्रयास किया। इस शोध ग्रंथ में यदुनाथ सरकार आदि का पूर्व पक्ष रखते हुए, उसका भी उत्तर पक्ष रखा गया है।
श्रृंगेरी मठ पूर्व में इस कालखंड को मानता था, परंतु एक तो टीपू काल में पेशवाओं के आक्रमण से यह मठ नष्टप्राय हो गया, फिर अग्नि कांड में ध्वस्त हुआ। बाद में तीन पेज के एक अनाम लेखक के लेख के आधार पर 1980 के दशक में शंकराचार्य की जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम कर और सरकार द्वारा उस पर डाक टिकट जारी करने से पाश्चात्य व अर्वाचीन मत को प्रचार मिल गया। इसे ही देखते हुए शंकराचार्य के अन्य तीन पीठों ने इसे सही कराने का बीड़ा उठाया। उसी क्रम में पी.एन.मिश्रा भी शोध में लगे या लगाए गये थे।
शंकराचार्यों के पीठों ने भी इस पुस्तक को मान्यता प्रदान की है। सच कहूं तो इस पुस्तक से पूर्व नवीन व वितंडावादी मत के खंडन में लेखक की दो पुस्तकें 1990 के दशक में प्रकाशित हुई थी। बाद में शंकराचार्य के निर्देश पर सारे तथ्यों को समेटते हुए इसे एक पुस्तक का रूप दिया गया, जिससे यह पुस्तक संदर्भ ग्रंथ सहित 500 पेज से अधिक की हो गई है।
मोटी और महंगी होने(₹2500) के कारण यह पुस्तक अब नहीं छपती। लेकिन प्रकाशक ने वादा किया था कि यदि 10 से अधिक पुस्तकों का आर्डर आया तो मैं इस पुस्तक का डिजिटल प्रिंट निकलवा कर आपको भेज दूंगा।
लोगों के द्वारा महंगी होने की शिकायत (हालांकि मेरे लिए यह अनमोल पुस्तक है) के मेरे आग्रह को मानते हुए पाठकों के लिए 20% छूट भी उपलब्ध करा दी गई है, जिस कारण इसकी कीमत अब ₹2000 रह गई है।
कल करीब 17 लोगों का आर्डर आ चुका है और हमारी ओर से प्रकाशक को 20 पुस्तकों का आर्डर जा चुका है। जिनको चाहिए वो अभी निम्न लिंक पर जाकर इसे प्री-बुकिंग कर सकते हैं।
हां, 15 दिन का धैर्य रखना होगा, क्योंकि प्रिंटिंग व बाइडिंग होकर Kapot Prakashan & e-commerce तक आने और हमारे यहां से आप तक पहुंचने में इतना समय तो लग ही जाएगा। विश्वास मानिए इस पुस्तक में शंकराचार्य पर चलने वाले सारे नरेशन को बदलने की क्षमता है।धन्यवाद।
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