देवासुर संग्राम चल रहा , युगों – युगों से भारत में ;
अब्बासी – हिंदू जो नेता है , सत्ता में है भारत में ।
कायर,कमजोर, नपुंसक नेता , कैसे विजय दिलायेगा ?
बात – बात पर रोने वाला , सबकी गर्दन कटवायेगा ।
धर्म – विरोधी , गंदी – शिक्षा , साथ में है झूठा- इतिहास ;
तत्क्षण पाठ्यक्रम सब बदलो , वरना बनोगे तुम इतिहास ।
ये परिवर्तन कौन करेगा ? वर्तमान शासन न करेगा ;
जो भी है अब्बासी-हिंदू , केवल असुरों का भला करेगा ।
गंदी – शिक्षा के ही कारण , कमजोर हो गये हैं हिंदू ;
अब्बासी- हिंदू नेता की साजिश, पथ से भ्रष्ट हो गये हिंदू ।
अब ये हो रणनीति हमारी , पहले अच्छा शासन लाओ ;
परम – साहसी , चरित्रवान , हिंदू-नेता की सत्ता लाओ ।
सारे ही दल बन चुके हैं दलदल , इनसे आशा व्यर्थ है ;
इस दलदल में फंसा है हिंदू , इसीलिये असमर्थ है ।
अब तो एक नया दल लाओ , देशभक्त दल को ही लाओ ;
“इकजुट-जम्मू” ऐसा ही दल,”इकजुट-भारत” इसे बनाओ।
आगामी संसद चुनाव में , पूरे भारत से इसे लड़ाओ ;
“इकजुट-हिंदू” वोट करेगा , देश की सत्ता में लाओ ।
यदि ऐसा संभव न हो पाये,तो फिर प्लान बी को अपनाओ
कोई भी दल या निर्दल हो, केवल कट्टर-हिंदू ही जिताओ ।
जहां नहीं हो कट्टर-हिंदू , तो “नोटा – ब्रह्मास्त्र” चलाओ ;
या तो जीते कट्टर-हिंदू , अथवा चुनाव को रद्द कराओ ।
चाहे जितने चुनाव रद्द हों , कोई चिंता मत करना ;
मुट्ठी-भर जितने जीतेंगे, निश्चित उनकी सरकार का बनना ।
बहुमत होगा कट्टर-हिंदू का , हिंदू-वादी सरकार बनेगी ;
हजार बरस की जो है गुलामी,उससे हमको मुक्ति मिलेगी ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , धर्म का शासन आयेगा ;
कानून का शासन,न्याय का शासन,पूर्ण-सुशासन आयेगा ।
सर्वश्रेष्ठ कानून हमारा , मनुस्मृति में संग्रहीत ;
कृष्ण-नीति, चाणक्य-नीति व साथ में होगी विदुर-नीति ।
जन्म से मानव हिंदू होते , घर वापस सब आयेंगे ;
मानव जितको तरस रहे हैं , उस “रामराज्य” को पायेंगे ।
” जय हिंदू – राष्ट्र “
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”