विपुल रेगे। रिलीज से पूर्व ही विवादित हो चुकी ‘ओह माय गॉड:2’ को अंततः ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज की अनुमति दे दी गई है। निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड के कहने पर फिल्म में 27 बदलाव किये हैं। फिल्म 11 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। अक्षय कुमार के प्रशंसकों और निर्माताओं को नाराज़गी है कि फिल्म को ‘A’ सर्टिफिकेट क्यों दिया गया। ‘ओह माय गॉड:2’ को लेकर प्रशंसकों और युट्यूबर्स के झुण्ड क्या कह रहे हैं, ये समाज को कान खोलकर सुनना होगा और समझना होगा कि हमने अपनी धार्मिक मान्यताएं भी ‘बाज़ार’ की भेंट चढ़ा दी है।
कल से ट्वीटर पर उन सत्ताईस बदलावों की लिस्ट के स्क्रीन शॉट्स धड़ल्ले से शेयर किये जा रहे हैं। इन सत्ताईस बदलावों को पढ़ने के बाद अक्षय कुमार की पूरी ‘पिक्चर’ समझ आ जाती है। ‘ओह माय गॉड:2’ उसी लाइन को फॉलो कर रही है, जो इसके पहले भाग ने की थी, यानी धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात करना। सेक्स एजुकेशन के बैकड्रॉप में हिन्दू धर्म पर हमला किया जा रहा है। ये सत्ताईस बदलावों से साफ दिखाई दे रहा है।
1- शुरुआत में आने वाले डिसक्लेमर को बदला गया। यहाँ वाइस ओवर को बदला गया है।
2- अक्षय कुमार को शिव भगवान् नहीं बल्कि शिव के भक्त और दूत के रुप में दिखाया जाएगा।
3- फ्रंटल न्यूडिटी के सीन्स हटा दिए गए हैं. उनकी जगह नागा साधुओं का विज़ुअल जोड़ा गया है।
4-एक संवाद- ‘भगवान की भक्ति महिलाएं नहीं देख सकतीं’, इसकी जगह फिल्म में ‘ओ लाल शर्ट वाले भैया, बाबा का ध्यान करते रहे’ जोड़ा गया है।
5 -जहां भी स्कूल का नाम आता है, उसे ‘सवोदय’ कर दिया गया।
6 – जिस जिस संवाद में मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में ‘एल्कोहॉल- व्हिस्की या रम’ का ज़िक्र है, उसे बदलकर ‘वहां मदिरा चढ़े है’ कर दिया गया है।
7- एक डायलॉग ‘हाई कोर्ट, मज़ा आएगा’ हटा दिया गया है।
8 -एक सीन में कॉन्डम का पोस्टर था, जिसे हटा दिया गया।
9 – रैट पॉइज़न की बोटल से ‘रैट’ शब्द हटा दिया गया है।
10 -एक दृश्य में में ‘शिव जी के लिंग, अश्लीलता’ के डायलॉग्स और विज़ुअल्स को हटाया गया है। श्री भगवद गीता के रेफसेंस में इस्तेमाल हुए उपनिषद, अथर्व वेद, द्रौपदी, पांडव, कृष्ण, गोपियां और रासलीला जैसे शब्द हटा दिए गए हैं।
11-शिव के दूत द्वारा बोले गए डायलॉग ‘मैं टांग क्यों उड़ाऊं’ को बदल दिया गया है।
12-शिव के दूत के किरदार के तपस्या करते और नहाने के सीन को दूसरे दृश्य के साथ बदला गया है।
13-एक डायलॉग में ‘श्री टाटा जी’ कहा जाता है, इसे बदल दिया गया है।
14-शिव के दूत को नशे में दिखाया गया था, ये दृश्य बदल दिया गया है।
15-एक किरदार मूर्तियों में अन-नैचुरल सेक्स देख एक सेक्स वर्कर से इस बारे में पूछ रहा है। इस सीन और संवाद में बदलाव किये गए।
16-शिव के दूत का किरदार एक सीन में कहता है ‘बाल बड़े देखकर रुपए मिलेंगे।’ ये दृश्य बदला गया है।
17-एक दृश्य में कोर्ट में एक व्यक्ति इशारा करके कहता है ‘स्त्री की योनी हवन कुंड है।’ इसे भी बदला गया है।
18- सत्यम शिवम सुंदरम’ डायलॉग हटा दिया गया है।
19-हमारा देश पीछे नहीं है’ वाले डायलॉग में परिवर्तन किया गया है।
20-हस्तमैथुन के बारे में बात करने वाले डायलॉग को बदल दिया गया है।
21-हस्तमैथुन से संबंधित डायलॉग में ‘हराम’ शब्द की जगह ‘पाप’ शब्द जोड़ा गया है।
22-ये काल्पनिक कहानी है। इसलिए ‘उज्जैन’ का वर्णन हटा दिया गया है।
23 -जहां कहीं भी वास्तविक व्यक्ति, ऑफिस या अथॉरिटी का ज़िक्र आता है, उसे हटा दिया गया है।
24- एक सीन में कोर्ट में जज को सेल्फी लेते हुए दिखाया गया है। उसे बदल दिया गया है।
25 -जहां भी ‘लिंग’ शब्द का प्रयोग किया गया, उसे हटा दिया गया है।
26-NCPCR गाइडलाइंस के मुताबिक जहां भी लड़के को सेक्सुअल एक्ट में दिखाया गया है, उसे ऐसे बदला गया है कि स्पष्ट न दिखाई दे।
27- ) सेक्सुअल एक्ट को लेकर जो भी तथ्य फिल्म में बताए गए हैं, उनके दस्तावेज़ी सबूत जमा करवाए गए हैं।
इन सत्ताईस संवादों का एक ही निचोड़ निकल रहा है कि बॉलीवुड अबकी बार भारतीय संस्कृति पर अत्यंत घातक वार करने जा रहा है और ऐसा करने की छूट उसे भारत के सेंसर बोर्ड ने दे दी है। कहने का मतलब ये है कि इस कदर घिनौनी फिल्म को बैन करने के बजाय सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को ये मार्ग दिखाया है कि दूसरे ढंग से धर्म पर हमला कैसे किया जाए। इन सत्ताईस बदलावों को पढ़ लेने के बाद हर व्यक्ति कहेगा कि इसे रिलीज करने के बजाय बैन कर देना चाहिए था।
अब स्पष्ट है कि ये फिल्म सेक्स एजुकेशन को लेकर बनाई गई है और कम से कम कोई भी व्यक्ति परिवार के साथ इसे देखने से परहेज करेगा। विचारणीय तथ्य है कि इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार सूचनाएं न आती तो फिल्म इसी स्वरुप में दर्शकों के सामने आ सकती थी। हालाँकि अब भी ये संकट बना ही हुआ है कि अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी ने मिलकर क्या कचरा बनाया है और इसके सड़क पर आने से कितना सिरदर्द होने वाला है।
हालाँकि अक्षय कुमार के प्रशंसकों को इन सत्ताईस बदलाव के बारे में जानकर क्रोध नहीं आया। उनकी तकलीफ ये है कि ‘A’ सर्टिफिकेट क्यों दिया गया। कुछ नामचीन युट्यूबर्स को भी तकलीफ है। इनको देखकर समाज में हो रहे परिवर्तनों का आभास मिलता है। हम इतने भयंकर दौर में जी रहे हैं कि महादेव के नाम पर अश्लीलता परोसे जाने से हमें गुस्सा नहीं आता, हम प्रतिक्रिया नहीं देते। मैंने पांच वर्ष पूर्व ही बताया था कि ये हमले समय के साथ और भी विद्रूप और भयंकर स्वरुप में हमारे सामने होंगे।

‘आदिपुरुष’ और ‘ ‘ओह माय गॉड:2’ की रिलीज को हमारी शक्तिशाली सरकार सहजता से रोक सकती थी। जिस सरकार का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा हो, उसके लिए दो फिल्मों को बैन करना चुटकियां बजाने जैसा मामूली काम था। 11 अगस्त को ये फिल्म रिलीज होने जा रही है। रिलीज होने के बाद फिल्म फ्लॉप होगी, ये निश्चित है। इसे तो स्वयं ईश्वर भी हिट नहीं करा पाएंगे। रिलीज होने के बाद विवाद होंगे। विवाद होने के बाद बिकाऊ चैनलों पर शाम की अदालतें बैठेंगी। उन अदालतों में तथाकथित धर्म के विशेषज्ञ आकर लड़ेंगे और छीछालेदर सनातन की होगी। फिल्म निर्माताओं का उद्देश्य इस फिल्म को हिट बनाना कतई नहीं है। वे लोग इसके जरिये ओपनली डिबेट चाहते हैं ताकि उनका हमला नैतिक और वास्तविक दिखाई दे।