अर्चना कुमारी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 6 छात्र गिरफ्तार किए गए जो आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए करते थे काम। यूपी एसटीएफ की टीम ने इस तरह की करवाई की और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 6 छात्रों के आतंकी संगठन आईएसआईएस जुड़े होने तथा इनके ऑपरेटिव की तरह काम करने का आरोप लगा है।पुलिस सूत्रों ने बताया उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से छह संदिग्ध आईएसआईएस गुर्गों को गिरफ्तार किया ।
छह में से चार की पहचान रकीब इनाम, नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान और मोहम्मद नाजिम के रूप में की गई है। सभी आरोपी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ यूनिवर्सिटी (एसएएमयू) से जुड़े हैं और एसएएमयू की बैठकों के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वाड के मुताबिक आरोपी देश में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में थे,लेकिन किसी वारदात को अंजाम देते,उससे पहले यूपी एटीएस द्वारा छह लोगों की गिरफ्तारी की गई।
अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के आतंकी नेटवर्क का खुलासा होने पर आतंक निरोधी दस्ते ने दावा किया कि एसएएमयू बैठकें आईएसआईएस की नई भर्ती सेल बन गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का छात्र भी केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर है। पुणे इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) मॉड्यूल मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए रिजवान और शाहनवाज से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कई छात्र देश विरोधी एजेंडा फैलाने में लगे हुए हैं।
सोशल मीडिया और आईएसआईएस के अखिल भारतीय नेटवर्क से जुड़े हैं। रिजवान और शाहनवाज से पूछताछ के बाद यूपी एटीएस अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।विशेष डीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित थे और राज्य में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने आईएसआईएस आकाओं से निर्देश ले रहे थे। कुमार ने कहा,वे सामग्री एकत्र कर रहे थे और किसी हमले की योजना बना रहे थे।
एटीएस ने दोनों के पेन ड्राइव से आईएसआईएस और भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआईएस) से संबंधित प्रचार सामग्री बरामद की। एटीएस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए चारों लोगों के नाम अरसलान और तारिक से पूछताछ के दौरान सामने आए, जिन्हें 6 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में, 8 नवंबर को एक और संदिग्ध वजीहुद्दीन (34) को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास एएमयू से लोक प्रशासन में पीएचडी भी है।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि अब तक मॉड्यूल के सात सदस्यों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, उनके मॉड्यूल और ऑपरेशन के बारे में अधिक जानने के लिए सभी सातों का एक साथ सामना किया जाएगा। ज्ञात हो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा शाहनवाज आलम और रिजवान अशरफ की गिरफ्तारी के बाद अरसलान और तारिक के नाम पहली बार सामने आए थे। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एसएएमयू) के छात्रों से जुड़े थे। एटीएस ने कहा, “इस छात्र संगठन के कुछ सदस्य आईएसआईएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं।
आलम और अशरफ आत्म-कट्टरपंथी थे और उन्होंने खुलासा किया था कि वे 2 अक्टूबर को अयोध्या, दिल्ली के अक्षरधाम और मुंबई के चबाड हाउस में हमले की योजना बना रहे थे। अशरफ कथित तौर पर एक विदेशी-आधारित हैंडलर और मॉड्यूल के शेष सदस्यों के साथ संचार में था और उसने आईएसआईएस में शामिल होने का संकल्प लिया था। स्पेशल सेल ने बाद में एटीएस को मॉड्यूल के बारे में जानकारी दी थी।