चीन इसलाम और क्रिश्चयनिटी को ठिकाने लगाने में जुट गया है। जहां अतिक्रमण के नाम पर मसजिदों को निशाना बना रहा है वहीं अवैध गतिविधियां चलाने के नाम पर चर्च पर शिकंजा कस रहा है। अपने देश में राष्ट्रपति जिनपिंग की सिनिसाइज रिलिजन नीति को प्रसारित करने के लिए चीनी प्रशासन लगातार क्रिश्चियनों के चर्च और मुसलिमों के मसजिद को टारगेट कर रहा है। सिनिसाइज रिलिजन वह नीति है जिसके तहत दूसरे धर्म अपनाने वालों के लिए चीन की संस्कृति अपनानी जरूरी है।
मुख्य बिंदु
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी ‘सिनिसाइज रिलिजन’ नीति लागू कर रखी है
हाल ही में चीन के पश्चिमी प्रांत निगजिया में एक नव निर्मित मसजिद को ढाहने के लिए वहां का प्रशासन आतुर है। प्रशासन ने मसजिद ढाहने की सूचना भी दे दी है। लेकिन सैकड़ों मुसलिमों ने जब बीजिंग में बड़ा प्रदर्शन किया तो मस्जिद गिराने की कार्रवाई फिलहाल टाल दी गई है। अगर प्रशासन ने एक बार उसे गिराने का फैसला कर लिया है तो फिर आज न कल वह मसजिद गिरकर रहेगी। चीन में माई जेडोंग के बाद शी जिनपिंग को ही उइघुर मुसलिमों पर अंकुश लगाने वाला सबसे मजबूत नेता माना जा रहा है।
मजहब के नाम पर आने वाले घुसपैठियों पर चीन प्रशासन की नजर कड़ी रहती है। चीन के वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बारे में बहुत पहले ही चेतावनी दे दी थी। एक धार्मिक सभा उन्होंने बहुत पहले कहा था हमें विदेशी से धार्मिक घुसपैठ के खिलाफ दृढ़ता से काम करना चाहिए। मालूम हो कि चीन ने हाल ही में अपने देश में पांच वर्षीय सिनिसाइज नीति की घोषणा की है। यह नीति क्रिश्चयनिटी तथा मजहबी मामले में नया नियम बनाता है।
इसी नीति के तहत चीन में विगत कुछ ही महनों में हजारों चर्च को प्रशासन ने बंद कर दिया है। इतना ही नहीं वहां से बाइबल और ई-कॉमर्स की साइटों पर अपलोड धार्मिक किताबों को साइट से हटा दिया है। कार्रवाई के तहत चीनी प्रशासन चर्च पर छापेमारी कर वहां के अधिकारियों से सरकार के अंतर्गत अपने चर्च को रजिस्ट्रेशन कराने को कहता है। इतना ही नहीं जहां पर क्रिश्चियनों की संख्या अधिक होने की वजह से जिसस की तस्वीर लगी है वहां पर जीसस की जगह जिनपिंग की तस्वीर लगाने को कहा जा रहा है। चीनी प्रशासन हेनन प्रांत जैसे इलाके में कार्रवाई करती है क्योंकि वहां पर क्रिश्चियनों की संख्या ज्यादा है। चीन ने यह कार्रवाई क्रिश्चियनिटी में आस्था रखने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कर रही है।
चीन सिर्फ क्रिश्चियनिटी पर ही नहीं बल्कि मुसलिम मजहब के खिलाफ अपनी धार्मिक नीति के अनुरूप कार्रवाई कर रहा है। चीन के पश्चिमी प्रांत निगजिया में एक नए मसजिद को गिराने की सूचना दी गई क्योंकि उसका गुंबद का आकार प्रशासन द्वारा निर्धारित आकार से मेल नहीं खा रहा है। स्थानीय अधिकारियों ने तीन अगस्त को नोटिस जारी कर कहा था कि मसजिद बनाने के लिए उचित परमिट नहीं लिए जाने के कारण इस मसजिद को ढाह दिया जाएगा। जबकि सच्चाई ये है कि मसजिद के गुंबदों का आकार सरकारी ढांचे के सिफारिश के अनुरूप नहीं होने की वजह से प्रशासन ने उसे ढाहने का फैसला किया है। वहां के मुसलिम समुदाय ने अपनी मसजिद के गुंबद का आकार प्याज के आकार जैसा बना रखा है जबकि प्रशासन कोई और आकार सुझाया था।
मालूम हो कि राष्ट्पति शी जिनपिंग ने पूरे देश में ‘सीनिसाइज रिलीजन’ नीति लागू कर रखा है। इसके तहत चीन में विदेशी धर्म स्वीकारने वालों को सीनिसाइजेशन कहा जाता है। ऐसे लोगों के लिए चीनी संस्कृति का हिस्सा बनने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना की नीतियों को अपनाना जरूरी है।
मुसलमानों पर चीन को नहीं है भरोसा, 10 लाख को बंदी बनाकर खिलाई वफादारी की कसम
आज पूरी दुनिया में मुसलिम एक अविश्वसनीय समुदाय के रूप में तब्दील होता जा रहा। मुसलिम बहुल वाले देश को छोड़ कर किसी दूसरे देश में इस समुदाय पर वहां का शासन और प्रशासन विश्वास करने को तैयार नहीं है। चीन में मुसलमानों पर संदेह इतना गहरा है कि वहां के शासन ने दस लाख मुसलमानों को नजरबंद कर राष्ट्रपति के प्रति वफादारी की कसम खिलवाई है। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार समिति की विश्वसनीय रिपोर्ट से हुआ है।
* देश में धार्मिक तनाव के हालात होने की वजह से चीनी प्रशासन ने उठाया यह कदम
* उइगर स्वायत क्षेत्र को विशाल नजरबंदी शिविर में बदला 10 लाख मुसलमान हैं बंदी
पिछले शुक्रवार को चीन पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की दो दिवसीय बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र नस्लभेद उन्मूलन समिति की एक सदस्य गे मैकडौगल ने दावा किया है कि चीन ने ‘चरमपंथी-रोधी केंद्रों’ में उइगर समुदाय के 10 लाख लोगों को बंदी बना कर रखा है। उन्होंने कहा है कि बीजिंग ने ‘उइगर स्वायत क्षेत्र को कुछ इस तरह बदल दिया है कि यह एक विशाल नजरबंदी शिविर में तब्दील हो गया है। संयुक्त राष्ट्र नस्लभेद उन्मूलन समिति के इस खुलासे पर चीन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
गौरतलब है कि उइगर स्वयत क्षेत्र चीन के शिनजियांग प्रांत का एक इलका है। यहां देश की पूरी मुसलिम आबादी के 45 प्रतिशत मुसलमान यहीं रहते हैं। एमनेस्टी और मानवाधिकार वाच समेत मानवधिकार संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र समिति में एक रिपोर्ट दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि यहां के मुसलमानों को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वफादारी की कसम दिलवाई जाती है। यहां रह रहे मुसलमानों को शासन-प्रशासन शंका की नजर से देखता है। कहा जाता है कि चीनी प्रशासन ने चीन में उत्पन्न मजहबी तनाव की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है।
चीन के चरमपंथियों पर हमले सम्बंधित खबरों के लिए पढें
URL: After crushing Islamic fundamentalism, China did strike at Christianity
keywords: china, Xi Jinping, china secret campus, Islam and Christianity china, xinjiang, fundamentalists and separatists, un report, चीन, शी जिनपिंग,चीन गुप्त परिसर, इसलाम और क्रिश्चयनिटी, चीन, मुस्लिम,