आईएसडी रिपोर्टर। फिल्म उद्योग में चल रहे विवादों का असर अब टीवी चैनलों की टीआरपी पर पड़ने लगा है। broadcasting audience research council (बार्क) की 38वें सप्ताह की रिपोर्ट में एक विशेष बात देखने को मिल रही है। फ़िल्मी सितारों के शो के दम पर चलने वाले चैनल टीआरपी की दौड़ में पिछड़ते दिखाई दे रहे हैं। इस गिरावट का कारण सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण और उसके बाद सामने आया ड्रग कनेक्शन समझा जा रहा है। निश्चित ही इसका असर उन अभिनेताओं पर भी पड़ने जा रहा है, जो हर वर्ष विज्ञापन से करोड़ों की कमाई करते हैं।
बार्क ने 38वें सप्ताह की रेटिंग में बताया है कि सोनी और कलर्स लगातार रेटिंग में पिछड़ते जा रहे हैं। हिन्दी पट्टी में ये चैनल दौड़ में कहीं दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में कलर्स चैनल गिरकर चौथे स्थान और जा पहुंचा है और सोनी टीवी तो इस सप्ताह दौड़ में दिखाई ही नहीं दे रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सोनी टीवी लिस्ट से ही गायब है और कलर्स सबसे नीचे की पायदान पर जा पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि सोनी पर अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति और कलर्स पर सलमान खान का बिग बॉस प्रसारित होते हैं। इन कार्यक्रमों की ट्रेक हिस्ट्री देखी जाए तो नया सीजन शुरु होने से पहले ही इनकी टीआरपी में उछाल आने लगता था लेकिन इस बार ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
ताज़ा रेटिंग्स में आम जनता का आक्रोश सहज ही समझा जा सकता है। 19 सितंबर से 25 सितंबर के डाटा में स्टार उत्सव, स्टार प्लस जैसे चैनल ऊपर दिखाई दे रहे हैं और सोनी तीन लाख के इम्प्रेशन के साथ सबसे निचली पायदान पर जा पहुंचा है।
केबीसी 28 सितंबर को शुरु हुआ था लेकिन रसातल से शीर्ष पर इसका पहुंचना लगभग असंभव लग रहा है क्योंकि इस समय अमिताभ के प्रशंसक ही उनसे नाराज़ चल रहे हैं। यही स्थिति सलमान खान के बिग बॉस के साथ बनने की आशंका दिखाई दे रही है। ऐसा ही प्रभाव न्यूज़ चैनलों की रेटिंग पर दिखाई दे रहा है।
अर्नब गोस्वामी का रिपब्लिक भारत 2 लाख से अधिक इम्प्रेशन लेकर पहले स्थान पर बना हुआ है। इस रेटिंग में एनडीटीवी जैसा चैनल दिखाई ही नहीं दे रहा है। आश्चर्य की बात है कि 19 से 25 सितंबर की रेटिंग में ज़ी न्यूज़ स्थान नहीं बना सका है। स्पष्ट है कि सुशांत सिंह राजपूत फेक्टर यहाँ काम कर रहा है।
बॉलीवुड के ड्रग कनेक्शन को लेकर प्रसारित हो रही खबरों ने भी रेटिंग पर प्रभाव डाला है। अमिताभ बच्चन के लिए ये रेटिंग खतरे की घंटी के समान है। केबीसी को लेकर ख़बरों का फ्लो भी इस बार काफी कम है क्योंकि दर्शक इस शो की ख़बरें देखना ही नहीं चाह रहे हैं।
आइएमडीबी पर इस बार केबीसी के लिए केवल 11 लोगों ने रिव्यू किया है, जो अमिताभ और सोनी के लिए आकाश से जमीन पर आ गिरने जैसा है। यूट्यूब पर जब केबीसी का पहला एपिसोड अपलोड हुआ तो उसे देखने वाले मात्र 23,000 लोग थे और विशेष बात ये कि इसे अनलाइक करने वाले लाइक करने वालों से अधिक थे। ये बहुत ही स्पष्ट संकेत है कि केबीसी की लोकप्रियता रसातल में चली गई है।
3 अक्टूबर से सलमान खान का बिग बॉस शुरु होने जा रहा है लेकिन इसकी रेटिंग अब तक 4.5 है, जबकि आमतौर पर बिग बॉस शुरु होने से पहले ही इसकी रेटिंग बढ़ने लगती थी। अब तक इस शो के 326 एपिसोड कर चुके सलमान के लिए ये धक्कादायी खबर है। ऐसी आशंका है कि 3 अक्टूबर के बाद बिग बॉस की रेटिंग और गिर सकती है।