आईएसडी नेटवर्क। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की छापामार कार्रवाइयों और समन भेजे जाने के बाद भी अब तक एजेंसी के हाथ कोई बड़ी सफलता नहीं लग सकी है। बुधवार को एनसीबी ने दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश को समन जारी किया था लेकिन उन्होंने हाजिर होने से इंकार कर दिया।
मंगलवार को एजेंसी ने करिश्मा के घर छापा मारकर ड्रग्स बरामद की थी। बुधवार को करिश्मा के वकील ने कहा कि जहाँ से ड्रग्स बरामद हुई थी, वहां करिश्मा नहीं रहती है। एनसीबी ने अब तक फ़िल्मी सितारों से जब्त मोबाईल फोन की जाँच रिपोर्ट तक पेश नहीं की है।
गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, रकुल प्रीत कौर और करिश्मा प्रकाश के फोन जब्त कर जाँच के लिए भेजे गए थे। जब ये जाँच शुरु हुई थी, फ़िल्मी कलाकारों ने एजेंसी के साथ जाँच में पूरा सहयोग देने की बात कही थी लेकिन अब ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। गिरफ्तार ड्रग पैडलर्स से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर भी फ़िल्मी कलाकारों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है।
कुछ दिन पहले एनसीबी ने दावा किया था कि ए, एस और आर नाम वाले फिल्म कलाकारों पर एजेंसी शिकंजा कसेगी। आज सुशांत वारियर्स एनसीबी से सवाल कर रहे हैं कि उस ठोस कार्रवाई का क्या हुआ। उल्लेखनीय है कि एजेंसी ने पूछताछ में कोई सख्ती नहीं दिखाई।
सख्ती न दिखाने के कारण एजेंसी दीपिका पादुकोण, करिश्मा प्रकाश, रिया चक्रवर्ती और करण जौहर प्रोडक्शन के कार्यकारी निर्माता क्षितिज प्रसाद से भी कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं उगलवा सकी। स्थिति ये बनी कि कोर्ट में क्षितिज प्रसाद ने बयान दे दिया कि एजेंसी ने दबाव डालकर उससे नाम लेने पर विवश किया।
कुल मिलाकर सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स एंगल से सीबीआई को कोई मदद नहीं मिल सकी है। न तो ड्रग्स एंगल से सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को हत्या सिद्ध करने में कोई मदद मिल सकी और न अब तक कोई महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हो पाई है।
सुशांत वारियर्स आरोप लगा रहे हैं कि बिहार चुनाव के बाद इस केस को बंद कर दिया जाएगा। इस आरोप पर भाजपा की ओर से लगातार सफाई दी जा रही है लेकिन वह इस बात का जवाब नहीं दे पा रही है कि देवेंद्र फडणवीस और संजय राउत की एक होटल में अनौपचारिक मुलाक़ात के बाद इस केस में जाँच की गति धीमी क्यों हो गई है।