अपमान और सत्य अनुपमा चतुर्वेदी
तुम हो योगी बाबा अधर्मी
कहाँ ज्ञानी हो सकते हो
भगवा पहन कर घूमो भैया
कहाँ डॉक्टर से लड़ते हो ?
चाहे जितने पेपर्स लिख लो
चाहे जितने अनुसंधान कर लो
औषधि निर्माण का लाइसेन्स है?
वैज्ञानिक तब भी, न बन सकते हो
एलोपैथी ही एक महारानी
जिससे आजतक क्या कोई मरा है
एक भी डॉक्टर फर्जी नहीं है
एक भी कॉलेज जो फर्जी खड़ा है ?
हम कहाँ पैसे मांगे, मरते से
नकली दावा कहीं तुमने सुनी है
कोई घोटाला किसी अस्पताल में
जिसकी कहानी कभी तुमने सुनी है?
किसी डॉक्टर ने ना योग किया
ना कभी आयुर्वेद उपचार किया है
होमियोपैथी का निरोगी विज्ञान
किसी डॉक्टर ने कभी पढ़ा है ?
ये विज्ञान तो निरोग करते हैं
दावा , ये सरे आम क्यों करते हैं
रसोई में सस्ती दवाई बना कर
बताओ, गरीबों का भी इलाज करते हैं
बीज विज्ञान शिरोमणि भास्कराचार्य
महर्षि भारद्वाज, अगस्त्य कौन थे
क्या उड़ते विमानों के ये जन्मदाता
गर्ग मुनि तो बस तारे गिनते थे
क्या विश्वामित्र मिसाइल बनाते
क्या सुश्रुत संहिता सर्जरी सिखाती ?
आचार्य कनद अणु विज्ञान का
भाई, यूँही बस कुछ लिखा करते थे
कहाँ पड़े हो बाबा के पीछे
आओ ! हम तुम्हारा इलाज करते हैं
सारी संपत्ति यहाँ गिरवी रखवाओ
तभी तुम्हारी बात सुनते हैं
पहले लिखो इस कागज पर
कि एलोपैथी जिम्मेदार नहीं है
मरे तो बस ‘I am sorry’ कहेंगे
इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है
अरे यह बाबा हमको उखाड़ेगा ?
बड़ी-बड़ी बीमारियों को चुनौती देता है
विदेशी जाने क्यों आ रहते आश्रम में
आयुर्वेद योग को उन्हें समझा देता है
नहीं रह सकती कोई और चिकित्सा
एलोपैथी के समक्ष भारत में
कोई अपमान ना करे महारानी का
हम चाहे आयुर्वेद पर कीचड़ उछालें
विदेशों से कितने वैज्ञानिक
हमारे विज्ञान को नीव बनाएं
पर हम ग़ुलाम उन पश्चिमियों के
आज अपनी धरोहर को जान न पाए
योगियों के दमकते हुए ललाट
पुष्ट शरीर और स्वस्थ काया है
आँखें बंद कर लो अपनी इसपर
क्योंकि यह तो बस हिन्दू माया है
यही नियति भारतीय धरोहर की
अपनी धारमिक आस्था को बदलो
कहाँ पड़े हो वेद पुराण में
छोड़ो अपनी संस्कृति छोड़ो
अब तो छोड़ो !!!
मैं अनुपमा चतुर्वेदी कुवैत में २४ साल से हूँ , कविताऐं और लेख लिखती हूँ और निरंतर हिन्दी की सेवा में कुवैत में भी प्रयासरत हूँ। अन्तराष्ट्रिय महिला काव्य मंच कुवैत की महासचिव के पद पर कार्यरत हूँ जिसकी हर राज्य में और विदेश के २५ देशों में कई शाखाएं हैं । कुवैत राइटर्स फोरम की स्थाई सदस्य हूं।