नेता क्यों कमजोर हो गये ? जबकि पूरा बहुमत है ;
जाने क्यों डरपोक बन गये ? खत्म हो गई हिम्मत है ।
इसके पीछे क्या कारण है ? जानना बहुत जरूरी है ;
इनका डीएनए ही गड़बड़ है, इसी वजह ये बीमारी है ।
सेक्यूलरिज्म व धिम्मीपन ही , डीएनए गड़बड़ करता है ;
इसी वजह से गुंडे छाये , भला आदमी मरता है ।
नेता राष्ट्र का गौरव भूला , कदम कदम पर डरता है ;
कदम कदम पर जजिया देता , राष्ट्र का सौदा करता है ।
गीता को पढ़ना ये भूले , सच्चा न इतिहास पढ़ा ;
इसी से साहसहीन हो गये , सारा झूठा इतिहास गढा़ ।
झूठे इतिहास की घुट्टी पीकर, इनका सारा बचपन बीता ;
शेर के बच्चे गीदड़ हो गये , जीवन राष्ट्रभक्ति से रीता ।
जब तक ये हालात रहेंगे , राजनीति बर्बाद रहेगी ;
बचा खुचा जितना भी गौरव , भूतकाल की बात बनेगी ।
वो तो अंग्रेजों का शुक्र करो , सेना मजबूत बनाई थी ;
वरना नेताओं की कायरता ने,सारी इज्जत ही गंवाई थी ।
अभी वक्त है नेता संभले , अब अपना उपचार करें ;
बड़ा भयंकर धिम्मी रोग है , अब इसका प्रतिकार करें ।
सबसे पहले इतिहास सुधारो , सारे झूठ हटा डालो ;
जितने भी हैं शेर के बच्चे , उनको उसी तरह से पालो ।
सच्चा इतिहास है भारत का , शूरवीरता साहस का ;
धर्म सनातन है परम वीरता , ये धर्म नहीं है धोखे का ।
हर बच्चा धर्म सनातन जाने , राष्ट्र का गौरव याद करे ;
डीएनए दुरुस्त हो जायेगा , गुंडा डरकर फरियाद करे ।
तब निर्भय होगा हर नेता , नेता का अर्थ सार्थक हो ;
हर नेता राष्ट्रभक्त होगा , धिम्मी का अर्थ निरर्थक हो ।
तबराज्य नहींदेगा जजिया,अल्पसंख्यकवाद मिट जायेगा;
सब लोगों का हो संरक्षण , ये तुष्टीकरण हट जायेगा ।
धर्म सनातन के प्रकाश में , कहीं न होगा अंधियारा ;
सच्चा मानव – धर्म यही है , विश्वशांति का उजियारा ।
“वंदे मातरम -जय हिंद”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”