दीपक कुमार द्विवेदी . मै श्री जगतगुरु शंकराचार्य जी जीवन वृत्तांत पढ़ रहा था मुझे एक बात समझ आई आपके पास तथ्य तर्क ज्ञान और विचार हो तो दुनिया बड़े विद्वानों को पराजित कर सकते है जब उस काल मे बौद्धो जैनों और तंत्रिक संप्रदायों ने भारत पर प्रभुत्व स्थापित कर लिया था उस वक्त अपने ज्ञान तर्कों तथ्यों के साथ आदि गुरू शंकराचार्य और दूसरे कुमारिल भट्ट थे जिन्होंने बौद्धो को शास्त्रार्थ पराजित कर दिया था और भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था
उस कालखंड मे बौद्धो जैनों तंत्रिको राज्य सत्ता संरक्षण था उस मुश्किल कालखंड मे शास्त्रार्थ के बल पर बौद्धो जैनों तंत्रिको पराजित किया जा सकता है तो आज के कालखंड मे सनातनी क्यों नहीं कर सकते है आज तो दुनिया वर्चुअल हैं आपकी बात दुनिया सुनने को तैयार फिर क्यों वैचारिक युद्ध लड़ने के लिए सनातनी अपने को क्यों तैयार नहीं करता है
जो सनातनी सोच रहे इस्लाम इसाई तथा वामपंथ तलवार के बल पर सत्ता के बल पर खत्म हो जाएगा उनके विवेक पर मुझे तरस आता है क्योंकि किसी विचारधारा तलवार सत्ता के बल पर पराजित नहीं कर सकते विचारधारा को विचार से पराजित कर सकते हैं इसलिए सनातनियों को चाहिए वैचारिक युद्ध के लिए तैयार होना चाहिए और शास्त्रार्थ की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहिए जिससे सनातन धर्म की पुनः स्थापना मार्ग तैयार हो सके