अपने तीखे व्यंग्य के लिए मशहूर पत्रकार अजीत भारती को उनके व्यंग के कारण ही एक नहीं, दो-दो बार भारत के महान्यायवादी ने उन पर सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध अवमानना का मामले चलाने की अनुमति दे दी है।
भारत की राजनीति, मीडिया और न्यायपालिका पर अजीत के तीखे व्यंग्यों का संग्रह ‘जो भी कहूंगा, सच कहूंगा’ अभी-अभी कपोत मीडिया के कार्यालय पहुंची है। जिन्होंने भी kapot.in पर इसे प्री-बुक कराया है, उनके पास आज से यह पुस्तक पहुंचाने की प्रक्रिया आरंभ होगी। आपने धैर्य बनाए रखा, इसलिए सभी पाठकों का आभार।
जिन्होंने अभी तक इसे बुक नहीं कराया है, वह भी निम्न लिंक पर जाकर अपनी प्रति आज ही सुरक्षित कर सकते हैं। धन्यवाद।