दल सारे बन चुके हैं दलदल , भ्रष्टाचार का दलदल है ;
जगह-जगह निर्दल जितवाओ , जो चरित्र से निर्मल है ।
चरित्रवान को टिकट न देंगे , दल तो लगभग चरित्रहीन हैं ;
इसी वजह से सब कुछ होकर , अब भी भारत दीन है ।
चरित्रहीन नेता ही जड़ है , भारत की बदहाली की ;
इनसे सत्ता जल्दी छीनो , यही शर्त खुशहाली की ।
परम – साहसी हिंदू – वादी , नेता ही खुशहाली लायेगा ;
यूपी या आसाम से ऐसा , नेता जल्दी आयेगा ।
हिंदू प्रमादग्रस्त रहता है,केवल कमाया खाया और अघाया ;
मुर्गी मानसिकता है इसकी , आये दिन खुद को कटवाया ।
हिंदू फौरन प्रमाद को छोड़ें , शस्त्र – शास्त्र पारंगत हो ;
धर्म – सनातन कभी न भूलें , वरना तेरा दुखद अंत हो ।
हिंदू क्या तुमको बचना है ? अपनी संतान बचाना है ?
धर्म – सनातन में जागृत हो , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
चरित्रवान – निर्दल प्रत्याशी को, हर चुनाव जितवाना है ;
सरकारी – हिंदू जितने हैं , जब्त जमानत करवाना है ।
सरकारी – हिंदू को जानो , परम – स्वार्थी चरित्रहीन हैं ;
नाम से केवल ये हिंदू हैं , परन्तु धर्म से पूरे हीन हैं ।
जेहादी के गुलाम जिम्मी हैं,ये वामी,कामी,सेक्युलर,मक्कार
हिंदू – धर्म के पक्के – दुश्मन , भारत के पूरे गद्दार ।
सभी दलों में भरे हुये हैं , राजनीति में छाये हैं ;
जागरूक जब हिंदू होगा , तब ये सारे भग जाये हैं ।
हिंदू पूरा जागरूक हो , धर्म – सनातन अपनाये ;
चरित्रवान -निर्दल प्रत्याशी , हर कीमत में इन्हें जिताये ।
संसद में तब बहुमत होगा , चरित्रवान नेताओं का ;
धर्म – सनातन का शासन हो , जन्म सफल नेताओं का ।
दो ही मार्ग बचे हैं केवल , भारत – राष्ट्र बचाना है ;
निर्दल-प्रत्याशी जिताना है या , यूपी-आसाम से लाना है ।
यूपी-आसाम का नेता हो ,तो फिर उसके दल को जिताओ ;
ऐसा अच्छा नेता लाकर , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
वरना वर्तमान-नेता तो , भारत का पूर्ण – विनाश करेगा ;
साथ,विकास,विश्वास के छल से,हिंदू का सत्यानाश करेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”