विनीत नारायण । आदरणीय आडवाणी जी !
उम्र के इस पड़ाव पर आपको मोदी जी की संस्तुति पर राष्ट्रपति जी ने भारत रत्न देकर आपके चाहने वालों के दर्द को कुछ कम किया है। इसके साथ ही मोदी जी ने देर से ही सही आपके प्रति अपनी गुरु दक्षिणा की भी कुछ भरपायी की है।
आपके परिचय में अख़बार लिख रहे हैं कि जनवरी 1996 में हवाला कांड ( Vineet Narain Vs Union of India) में आरोपित होते ही आपने तुरंत संसद की सदस्यता से नैतिक आधार पर त्यागपत्र दे दिया था।
इस विषय में आपके प्रशंसकों से मेरा सदा मतभेद रहा है।मेरा मानना है कि अगर अरुण जेटली की ग़लत सलाह न मानकर आपने भी चौधरी देवीलाल, शरद यादव, मदन लाल खुराना और राजेश पायलट की तरह सार्वजनिक रूप से ये स्वीकार लिया होता कि आपने जैन बंधुओं से अपनी राजनीति के लिए पैसा लिया था, तो आप अपना व देश का बहुत भला करते। क्योंकि तब आप राजनीति के लिए धन के संग्रह करने के तरीक़े को पारदर्शी बनाने का एक अभियान देश भर में चला सकते थे।
क्योंकि ये सच है कि चाहे कोई बड़े से बड़ा नेता या राजनैतिक दल ख़ुद को पाक साफ़ होने का कितना भी दावा करे पर आज राजनीति बिना बड़े पैसे के नहीं होती। बड़ा पैसा केवल बड़े उद्योगपति ही देते हैं। ज़ाहिर है कि फिर सत्ता में आकर उस नेता या दल को ऐसे उद्योगपतियों के बड़े-बड़े हित साधने पड़ते हैं। जिसकी वजह से देश के करोड़ों लोगों का हक़ मारा जाता है। अगर राजनैतिक चंदे की उगाही में पारदर्शिता आ जाए तो इस प्रवृत्ति पर रोक लग सकती है। फिर राजनेताओं के विरुद्ध रोज़-रोज़ के ये ईडी व सीबीआई के हमले भी बंद हो सकते है। इससे देशवासियों का और लोकतंत्र का बहुत भला होगा।
ख़ैर ये समय तो आपको बधाई देने का है।आपका व्यक्तित्व और आचरण आजकल के उन नेताओं के लिए प्रेरणास्पद है जो ज़रा सी सफलता मिलते ही अहंकार में डूब जाते है और सामने वाले को अपमानित करते हैं। वे बुजुर्गों तक के प्रति सामान्य शिष्टाचार भूल जाते हैं।
कमला आंटी को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि ‘जैन हवाला कांड’ को लेकर 1993 से 2000 तक जो देशव्यापी अभियान मैंने चलाया उसके कारण प्रधानमंत्री बनने का आपका सपना अधूरा रह गया। ये बात मुझे मदन लाल खुराना जी के हवाला कांड में आरोपित होने पर त्याग पत्र देने के बाद दिल्ली मुख्यमंत्री बने साहिब सिंह वर्मा ने तभी बतायी थी ।
बावजूद इसके आपके और आपके परिवार के द्वारा मुझे सदा सम्मान और स्नेह मिला। जब आप उप प्रधानमंत्री थे तब भी हमारी कई बार भेंट -वार्ता हुई। हवाला कांड में आरोपित होने के बावजूद आप मेरे साधारण से निमंत्रण पर मेरे छोटे भाई और सुपुत्र के विवाह समारोह में क्रमशः 1990 व 2010 में पुष्पगुच्छ लेकर बधाई देने आये। ये आपका बड़प्पन है।
जून 2018 में जब डॉक्टर सुब्रमन्यम स्वामी की एक दुखती रग पर मेरे सहयोगी रजनीश कपूर ने हाथ रख दिया तो उन्होंने बौखला कर स्वार्थवश मुझ पर अनेक अनर्गल तथ्यहीन आरोप लगाए । तब मैंने भी उनको माकूल जवाब देकर शांत कर दिया था।इस पर भी आपने मेरे नैतिक बल की प्रशंसा करते हुए दीपक चोपड़ा की उपस्थिति में कहा था कि डॉक्टर स्वामी के आचरण के इतिहास को जानते हुए मुझे उन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
कमला आंटी के देहावसान के समय जब कमल मोरारका जी और मैं आपको सांत्वना देने आपके घर आये थे तब हमने कहा था कि अब भाजपा सरकार द्वारा आपको राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिये । आरएसएस की विचारधारा और बीजेपी के लिए इतना लंबा जीवन समर्पित करने के बाद इतना तो आपका हक़ बनता था। पर शायद नरेंद्र भाई मोदी जी की कुछ विवषताएँ रही होंगी । ख़ैर अब उन्होंने वो कमी पूरी कर दी। इसके लिए उनको भी साधुवाद।
आप शतायु हों और स्वस्थ रहें।
भारत रत्न से सम्मानित होने पर पुनः आपको, प्रतिभा, जयंत व दीपक चोपड़ा को बहुत बधाई !