शिवशक्ति धाम डासना के पिठाधिश्वर व श्रीपञ्चदासनाम जूना अखाडा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज की संस्था यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की सचिव डॉ उदिता त्यागी की हत्या के लिए सोशल मिडिया पर एक सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में उन्हें मुरदत अर्थात इस्लाम को छोड़ने वाला घोषित किया जा रहा है।
इस्लाम के सबसे पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान और हदीस के अनुसार ऐसे व्यक्ति की केवल मौत की ही सजा होती है और यह सजा कोई भी मुस्लिम ऐसे व्यक्ति को दे सकता है।
अभी गत 21मार्च 2023 को अमेरिका में रहने वाली एक पूर्व मुस्लिम डॉ ने शिवशक्ति धाम डासना के पारदेश्वर महादेव को सोने का मुकुट समर्पित किया था।इस महिला ने सोशल मिडिया पर मोहम्मद और इस्लाम को लेकर यति नरसिंहानंद गिरी जी की बातों को सुना और उनकी बातों को नकारने के लिए कुरान और हदीसों सहित इस्लामिक धार्मिक साहित्य का अध्ययन किया।इस्लामिक धार्मिक साहित्य का अध्ययन करके उनको पता चला की महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज की एकदम भी बात झूठ नहीं है तो उन्होंने इस्लाम को छोड़ कर सनातन धर्म को स्वीकार किया और शिवशक्ति धाम डासना को अपना परिवार माना।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज का अनुसरण करते हुए उन्होने महादेव शिव को अपना इष्ट माना और उन्हें शुद्ध सोने का मुकुट समर्पित किया।21 मार्च 2023 को ज़ब यह मुकुट महादेव को चढ़ाया जा रहा था तो डॉ उदिता त्यागी भी वहां उपस्थित थी।अमेरिका की रहने वाली डॉ के इस दान से इस्लामिक कटटरपंथी बुरी तरह से चिढ गए और उन्होंने डॉ उदिता त्यागी को अपना लक्ष्य बनाने की मुहीम शुरू कर दी।
इसके लिए एकदम सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है जिसमे डॉ उदिता त्यागी का फोटो हर जगह भेज कर यह प्रचारित किया जा रहा है की वो पहले मुस्लिम थी और अब उन्होंने इस्लाम छोड़ दिया है। यह भी प्रचारित किया जा रहा है की उन्होंने इस्लाम छोड़ कर महादेव शिव को सोने का मुकुट चढ़ाया है। इस्लामिक क़ानून के अनुसार इसकी सजा केवल और केवल मौत है।
डॉ उदिता त्यागी जी कई बार सोशल मिडिया के माध्यम से और कई बार फोन के माध्यम से गाज़ियाबाद पुलिस को इसकी शिकायत की पर कोई प्रभाव ना पड़ते देख कर उन्होंने आज कविनगर के ए सी पी अभिषेक श्रीवास्तव को इसकी लिखित शिकायत दी है।
इस बारे में डॉ उदिता त्यागी का कहना है की वो शिवशक्ति धाम और यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन का कार्य ऐसे ही करती रहेगी। सारी दुनिया जानती है की महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का साथ देने का अर्थ कटटरपंथी मुसलमानो का निशाना बनना है। पर अगर उन्हें मृत्यु का डर होता तो वो महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का साथ देती ही क्यों?
उनका यह भी कहना है की अभी प्रदेश में इस्लामिक गुलामी नहीं है बल्कि एक संत का शासन है। इसलिए उन्हें कोई भी अपने धर्म का पालन करने से नहीं रोक सकता।
वहीं Yati NarsinghaNand Saraswati Foundation के ट्विटर हैंडल से 21 मार्च को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वायरल तस्वीर समेत कई तस्वीरें मौजूद हैं। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में रहने वाली एक नव सनातनी चिकित्सक ने डासना के पारदेश्वर महादेव को शुद्ध सोने का मुकुट और श्रृंगार भेंट किया।
हमें इस पेज पर एक ट्वीट पोस्ट मिला। इसमें एक वीडियो मौजूद है। वीडियो में बोलते हुए यति नरसिंहानंद खुद को सरस्वती फाउंडेशन का महामण्लेश्वर और उनके साथ बैठी महिला को फाउंडेशन की महामंत्री डॉ उदिता त्यागी बता रहे हैंं। वीडियो में यति नरसिंहानंद स्पष्ट रूप से बता रहे हैं कि बहुत सारे लोग डॉ उदिता त्यागी का फोटो डालकर भ्रामक दावा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुकुट भेंट करने वाली महिला अमेरिका में रहती हैं और एक नवसनातनी हैं।
डॉ उदिता ने खुद के द्वारा 19 तोले सोने का मुकुट भेंट किए जाने के दावे का खंडन किया। उन्होंने कहा, “वायरल तस्वीर में मैं स्वयं यति नरसिंहानंद महराज जी के साथ मौजूद हूं। लेकिन ये 19 तोले सोने का मुकुट एक डॉक्टर ने दान किया है, जो अमेरिका में रहती हैं। यह दान उन्होंने बीते 21 मार्च को किया था और उसी दिन की वह तस्वीर है जो सोशल मीडिया पर अभी वायरल है।”
इस विषय में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का कहना है की यह एक बहुत ही गंभीर मामला है।अगर जरूरत पड़ी तो यह मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष उठाया जायेगा।आशा है की इस मामले में दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाएगी और क़ानून व्यवस्था एक धार्मिक भद्र महिला को इस्लाम के पागल जिहादी कुत्तो के सामने मरने के लिए अकेला नहीं छोड़ देगा।