अर्चना कुमारी। विवेक विहार इलाके में मंगलवार दोपहर संत रामपाल के कुछ अनुयायी धार्मिक प्रचार के लिए पहुंचे। यहां पहुंचकर इन लोगों ने प्रचार के लिए कुछ पुस्तकों को बांटना शुरू कर दिया। लोगों ने जब पुस्तकों को देखा तो उसमें हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में विवादित बातें लिखी हुई थी। देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जुट गई।
लोगों ने इनका विरोध करना शुरू कर दिया। शुरुआत में तो आरोपियों ने बहस की, लेकिन बात बनती न देखकर उन्होंने अपनी गाड़ी लेकर वहां से भागना शुरू कर दिया। भीड़ कुछ दूर पीछा कर इनको गाड़ी समेत लीला होटल के पास पकड़ लिया। बाद में गाड़ी में तोड़फोड़ करने के बाद इनकी धार्मिक पुस्तकों में आग लगा दी।
रामपाल के अनुयायियों के साथ मारपीट भी की गई। सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस ने पीड़ितों को भीड़ से छुड़ा लिया। गनीमत यह रही कि किसी को मारपीट में चोट नहीं लगी। वहां पर धार्मिक संगठनों के लोग इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने लोगों को समझाया। पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा का कहना है कि मामले की छानबीन जारी है। जांच के बाद मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है। तथ्यों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस संत रामपाल के अनुयायियों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने बताया कि दोपहर करीब 2.30 बजे किसी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को कॉल कर घटना की सूचना दी थी। पीसीआर के अलावा लोकल पुलिस वहां पहुंच गई। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि दिल्ली के मुंडका स्थित रामपाल के आश्रम से कुछ अनुयायी धार्मिक पुस्तकें बांटने के लिए विवेक विहार आए थे।
यहां ज्याला नगर के श्मशान घाट के पास पहुंचने के बाद इन लाेगों ने ‘जीने की राह’ ‘ज्ञान गंगा नाम’ नामक शीर्षक से किताबें बांटना शुरू की।लोगों ने जब किताबों को पढ़ा तो उसमें काफी विवादित बातें लिखी थीं। धीरे-धीरे इलाके में लोगों को इसकी खबर पहुंच गई और वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग मौके पर पहुंचकर संत के अनुयायियों का विरोध करने लगे। शुरुआत में इन लोगों ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन लोगों का गुस्सा देखकर वह भागने लगे। बाद में भीड़ ने उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ करने के बाद किताबों में भी आग दी।