भारत में कोरोना का रिकवरी रेट 97% के ऊपर निकल चुका है और टोटल मृत्यु सिर्फ़ 1.5 लाख ही हैं। नये मामले तथा प्रतिदिन मृत्यु दर का ऑंकडा कम होता जा रहा है। यह इस बात का सबूत है कि पूरे देश में कोरोना के प्रति नेचुरल हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है अत: भारतवासियों को वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है।
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भारत में कोरोना कहॉं है ? मैं अपने गॉंव में महीने भर था। मैंने कहीं भी ना मास्क देखा, ना सोसल डिस्टेन्सिंग और ना ही कोरोना। परन्तु दिल्ली घुसते ही मैंने मास्क लगा लिया क्योंकि चारों ओर 2000 के सरकारी जुर्माने की दहशत दिखाई दी।
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सोसल डिस्टेंसिंग यहॉं भी नहीं दिखी। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश में कोरोना सिर्फ़ महानगरों में है या फिर जहॉं सरकार जॉंच कर रही है। जॉंच की गुणवत्ता भी संदेहास्पद है क्योंकि यदि दिन में एक व्यक्ति के पाँच अलग-अलग लैब में टेस्ट किये जायें तो परिणाम भी अलग-अलग होता है।
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जैसा कि सभी जानते हैं कि डी जी सी आई ने वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति दी है जिससे कोरोना पैन्डेमिक को समाप्त किया जा सके। इमरजेंसी प्रयोग का तात्पर्य है कि सेफ्टी गाइडलाइन्स को बाईपास कर बनाई हुई वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति।
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वैज्ञानिकों की माने तो किसी भी वैक्सीन को बनाने में कम से कम 10 वर्ष लगता है अत: 10 महीने में बनी वैक्सीन में सभी सेफ़्टी फ़ैक्टर बाईपास कर ह्यूमन ट्रायल किया गया है। ह्यूमन ट्रायल के ऑंकडों पर इसलिये विश्वास नहीं किया जा सकता कि आजकल मेडिसिन की दुनिया में ज़बरदस्त करप्शन है।
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आजकल अधिकांश रिपोर्टें डॉक्टर्ड होती हैं जिससे पेशेन्ट का सही डायगोनॉसिस और इलाज नहीं हो पाता। जहॉं जॉक्टर्ड रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं होती वहाँ डॉक्टर्ड ट्रायल रिपोर्ट में कार्यवाही होना असंभव है।
दवा की कम्पनियों का मूल उद्देश्य वैक्सीन बेचना है, यही कारण है कि ट्रायल रिपोर्ट में कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं मिले पर एप्रूवल के बाद वैक्सीन लगाते ही लोगों की मृत्यु, एलर्जी, पैरालिसिस, खुजली इत्यादि जैसी समस्याओं की खबरे पूरे विश्व से आ रही हैं।
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इन तथ्यों के अंतर्गत बहुत से स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन लगवाने से इंकार करना शुरू कर दिया है।
(यहाँ ग्राफ़ लगाने हैं)
उपरोक्त आँकड़ों से यह स्पष्ट है कि देश में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है और कोरोना शीघ्र ही स्वत: समाप्त हो जायेगा। अत: सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द कोरोना की जॉंच बंद करें और सिर्फ़ उनकी ही जॉंच करे जो अस्वस्थतावश अस्पताल आ रहे हैं।
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कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम को तत्काल बंद करें जिससे देशवासी कोरोना के साथ-साथ वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट से भी बच सके।
मेरा सरकार, वैज्ञानिकों, देश के स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टरों तथा सभी गणमान्य लोगों से अनुरोध है कि वास्तविकता पर गौर करें और देशवासियों को अनायास वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट का शिकार बनने से रोकें।
कमाण्डर नरेश कुमार मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
ईमेल- zyropathy@gmail.com
वेबसाइट- www.zyropathy.com