विपुल रेगे। किच्चा सुदीप की ‘विक्रांत रोणा’ एक ऐसा थ्रिलर है, जिसका कथानक गहनता लिए हुए हैं। सस्पेंस इसका प्रमुख अस्त्र है। सस्पेंस ही दर्शक को अंतिम क्षणों तक कुर्सी से चिपकाए रखता है। किच्चा सुदीप इस एक्शन-हॉरर-थ्रिलर में स्टाइलिश अवतार में प्रस्तुत हुए हैं। फिल्म का कंटेंट और एक अलग विषय दर्शक को आकर्षित करेगा। सघन वर्षावन से घिरे एक गांव में ब्रम्हराक्षस घूम रहा है। बच्चें वृक्ष पर निष्प्राण लटकते मिलते हैं। इस हॉरर कथानक में एक सस्पेंस की एक बारीक सी कड़ी है, जो बार-बार दर्शक की नज़र से ओझल हो जाती है।
विक्रांत रोणा के निर्देशक अनूप भंडारी हैं। अनूप ने एक ऐसा पीरियड ड्रामा तैयार किया है, जिसे देखकर पुराने भारत की याद आती है। इस फिल्म में बरसात भी एक किरदार अदा करती है। घने जंगलों में बारिश और धुंध की चादरें सस्पेंस और दिल की धड़कन को बढ़ाते हैं। निर्देशक ने सस्पेंस-थ्रिलर के लिए बड़ी ही उपयुक्त पृष्ठभूमि चुनी है। इसे देखकर क्लासिक हॉरर फिल्म तुम्बाड़ की याद आती है। एक ऐसा गांव जहाँ कभी बरसात नहीं थमती। पात्रों की कैरेक्टर बिल्डिंग सुघड़ता के साथ की गई है।
विक्रांत रोणा का कैरेक्टर किसी काऊ ब्वाय फिल्म के हीरो की याद दिलाता है। वह जब परदे पर आता है, काऊ ब्वाय थीम का संगीत पीछे से सुनाई देता है। विक्रांत और उसकी बेटी का एक अलग स्टोरी प्लॉट है, जो दर्शक को भावुक कर देता है। निर्देशक ने सस्पेंस फिल्म की आखिरी रील तक कायम रखा है और इसी कारण ये फिल्म सफल होगी। अंत तक आप जान नहीं पाते कि आखिर वे कौन लोग है, जो इन हत्याओं के लिए जिम्मेवार हैं।
सुदीप किच्चा के बारे में संशय प्रकट किया जा रहा था कि वे पैन इंडिया स्टार बन सकेंगे या नहीं। विक्रांत रोणा के कंटेंट में वह पॉवर है कि हिन्दी पट्टी के दर्शकों को दीवाना बना सकता है। विक्रांत का किरदार बड़े ही स्टाइलिश ढंग से पेश किया गया है। उसकी बाइक, उसका सिगार जलाने का अंदाज़ और पीछे खोंसी हुई रिवाल्वर इस किरदार का आकर्षण बढ़ाते हैं। निथा अशोक, जैकलीन फर्नांडीज, निरुप भंडारी ने सुंदर अभिनय किया है। हालांकि सबसे पॉवरफुल किरदार तो सुदीप को ही दिया गया है।
फिल्म के अंत में एक साथ दो खुलासे होते हैं, जिनको लेकर दर्शक ने कोई अनुमान नहीं लगाया होता है। ये एक्शन पैक्ड फिल्म एक हंगामेदार क्लाइमैक्स पर सफलतापूर्वक पहुँचती है। कन्नड़ फिल्म उद्योग को इस फिल्म से बहुत उम्मीदे हैं। उनके राज्य में इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कोई ख़तरा नहीं दिखाई देता। हिन्दी पट्टी में दर्शक ने इस फिल्म को हाथोहाथ लिया है। पहले दिन इसकी ओपनिंग कम रही है लेकिन ऐसा लगता है कि शनिवार से इसके कलेक्शन गति पकड़ लेंगे।
सुदीप किच्चा ने पैन इंडिया स्टार बनने के लिए बहुत परिश्रम किया है और दर्शकों की प्रतिक्रिया बताती है कि हिन्दी बॉक्स ऑफिस उनकी फिल्म ने आशाजनक शुरुआत की है।