आईएसडी नेटवर्क। एक दिन पूर्व अभिनेता शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान को एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय से नोटिस मिलने की ख़बरों ने हड़कंप मचा दिया था। तीस करोड़ के इस घपले को लेकर अब नया अपडेट सामने आ रहा है। स्वयं गौरी खान और ईडी ने पुष्टि की है कि ये समाचार झूठा है। मंगलवार को दिन भर मीडिया में ये ख़बरें चलती रही कि गौरी खान को ईडी ने तुलसियानी समूह मामले को लेकर नोटिस भेज दिया है।
मंगलवार का दिन शाहरुख़ खान और उनके परिवार के लिए तनाव भरा रहा। मंगलवार सुबह से ही मीडिया में ख़बरें आने लगी कि रियल एस्टेट कंपनी तुलसियानी ग्रुप के एक मामले को लेकर ईडी ने उन्हें पूछताछ का नोटिस भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि गौरी खान तुलसियानी ग्रुप की ब्रांड एंबेसेडर हैं। ख़बरों में कहा गया कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने बैंक और निवेशकों के लगभग 30 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं। इस मामले को लेकर मंगलवार शाम तक मैन स्ट्रीम मीडिया पर बहुत सी ख़बरें आने लगी।
ख़बरों में कहा गया कि ईडी अब गौरी खान से इस बात की जानकारी लेगी कि इस समूह ने गौरी को कितने पैसों का भुगतान किया था। कई ख़बरों में ये भी कहा गया कि ये मामला उत्तरप्रदेश का है, इसलिए लखनऊ ईडी ने ये नोटिस जारी किया है। अब भी इस खबर की सत्यता के बारे में ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता। इन दिनों बड़े संस्थानों द्वारा जारी किये जा रहे पुख्ता समाचारों को झुठलाने के मामले सामने आ रहे हैं। ताज़ा मामला अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि मंदिर के उद्घाटन की तारीख को लेकर बड़ा बवाल हुआ है।
लगभग दो माह से भाजपा, केंद्र सरकार के मंत्री और देश का मीडिया उद्घाटन की तारीख 22 जनवरी 2024 बता रहे थे लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसे झूठी खबर बता दिया। गौरी खान वाले मामले में अचानक ही खबर बदल दी गई है। मात्र 24 घंटे के भीतर ही प्रवर्तन निदेशालय ने इस समाचार का खंडन कर दिया। एनफोर्समेंट डाइरेक्टर ने खुलासा करते हुए बताया है कि गौरी खान को कोई नोटिस नहीं भेजा गया है और न उनसे पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
ऐसा नहीं कि ये मामला पूरी तरह झूठा है। उत्तरप्रदेश के लखनऊ स्थित सुशांत गोल्फ सिटी में तुलसियानी ग्रुप का प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट में मुंबई निवासी किरीट जसवंत शाह ने सन 2015 में 85 लाख का एक फ़्लैट खरीदा था। हालाँकि कंपनी ने न उन्हें फ़्लैट दिया और न पैसा वापस दिया। इसके बाद जसवंत शाह ने तुलसियानी ग्रुप के निदेशक अनिल कुमार तुलसियानी, महेश तुलसियानी और गौरी खान के खिलाफ पिछले दिनों मुकदमा दर्ज कराया था।
यदि ये एक फेक खबर है तो इस पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। हालाँकि अब तक सूचना व प्रसारण मंत्रालय की ओर से इस समाचार पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है और न खबर छापने वाले मीडिया संस्थानों को किसी तरह का नोटिस नहीं भेजा गया है।