विपुल रेगे। हिन्दू देवी-देवताओं के आपत्तिजनक चित्र द वीक मैगजीन में प्रकाशित होने के बाद उत्तरप्रदेश से इसके विरुद्ध थाने में शिकायत दर्ज हो गई है। इंडिया स्पीक्स डेली ने मैगजीन में चित्र प्रकाशित होने के बाद तुरंत राष्ट्रीय पटल पर इसका तीव्र विरोध किया था। आईएसडी नेटवर्क का अभियान इस कदर प्रभावी रहा कि पहले उत्तरप्रदेश में केस दर्ज किया गया और उसके बाद आपत्तिजनक लेख लिखने वाले लेखक और प्रकाशित करने वाली पत्रिका को क्षमा याचना करनी पड़ी।
24 जुलाई का दिन देश के हिन्दू बहुल समाज को एक तनाव दे गया था। इसी दिन द वीक मैगजीन ने भगवान् शिव और माँ काली पर बिबेक देबरॉय का लिखा लेख मय अश्लील तस्वीरों के छापा था। बिबेक देबरॉय ने ‘The fire has seven tongues, and one of these is Kali’ शीर्षक से लेख लिखा था, जो 24 जुलाई, 2022 को ‘द वीक’ में प्रकाशित किया गया था। जैसे ही ये लेख छापा गया, इंडिया स्पीक्स डेली ने अपने मंच से तीव्र विरोध करना शुरु कर दिया था।
2 अगस्त से आईएसडी ने विरोध शुरु किया और जनता का समर्थन इसे मिलने लगा था। इसके पहले तो मामला एकदम शांत पड़ा हुआ था। जैसे ही द वीक मैगजीन और बिबेक देबरॉय का देशव्यापी विरोध शुरु हुआ तो लेखक और मैगजीन दोनों ने ही सुरक्षात्मक रुख अपना लिया। सबसे पहले लेखक ने 4 अगस्त को क्षमा मांग ली। लेखक के क्षमा मांगते ही द वीक पत्रिका भी घुटने पर आ गई और उसने भी इस आपत्तिजनक लेख के लिए माफ़ी मांग ली।
मामला यही शांत नहीं हुआ। उत्तरप्रदेश के कानपुर के भाजपा नेता प्रकाश शर्मा आगे आए। प्रकाश शर्मा ने कानपुर के थाने पर मैगजीन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी। प्रकाश शर्मा ने कहा कि ‘मैगजीन के 62 व 63 पेज पर भगवान शिव व माँ काली की आपत्तिजनक फोटो छपी हुई थी। ऐसी तस्वीरें हिंदुओं की भावनाएँ को ठेस पहुँचाती हैं।’ इस मामले में लेखक ने स्वयं को बचाने के लिए 4 अगस्त को ही एक ट्वीट किया।
ट्वीट में एक पत्र के माध्यम से बिबेक देबरॉय ने लिखा कि उन्हें नहीं मालूम था कि उनके लेख में पत्रिका ने किस तरह के फोटो इस्तेमाल किये हैं। उन्होंने लिखा, ‘मेरा यह पत्र ‘माँ काली’ पर विशेष कॉलम से संबंधित है, जिसे ‘द वीक’ ने मुझे लिखने के लिए कहा था। यह 24 जुलाई, 2022 के अंक में ‘ए टंग ऑफ फायर’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था।
साथ में एक जादू टोना पर आधारित पेंटिंग का चित्र भी है।’ ऐसा कहते हुए लेखक ने पत्रिका के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए हैं। अब ये मामला पुलिस के हाथ में है। बिबेक देबरॉय एक अर्थशास्त्री हैं और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैं। इंडिया स्पीक्स डेली ने एक लाइव वीडियो द्वारा प्रधानमंत्री महोदय से मांग की थी कि इस लेखक को काउन्सिल से तुरंत हटाया जाए।
जब तक इस विषय पर सरकार नहीं जागी, इंडिया स्पीक्स डेली लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा और आगे भी उठाता रहेगा। अब तक बिबेक देबोराय को उनके पद से नहीं हटाया गया है और न सरकार की ओर से उन्हें कोई चेतावनी ही दी गई है।