बॉलीवुड मूवी किसी को सकारात्मक जिंदगी जीने की प्रेरणा तो नहीं दे सकते अलबत्ता हमारी नई पीढ़ी फिल्में देखकर जरूर बर्बाद हो रही है ।
माया नगरी में रहने वाले दिल फरेब हीरो हीरोइन से मिलने की चाह में शामली, यूपी के पांच बच्चों ने अपना घर छोड़ दिया। इसके बाद सभी बस में सवार होकर दिल्ली पहुंच गए।
दिल्ली पहुंचकर अभी वह मुंबई के लिए बस पकड़ने की तैयारी कर ही रहे थे कि कश्मीरी गेट के थाने के एक एएसआई की नजर उन पर पड़ गई। एएसआई अपनी समझदारी और सूझबूझ का परिचय देते हुए सभी को थाने ले गया।
जहां थाने में वहां बच्चों से पूछताछ के बाद किसी तरह उनके परिजनों से संपर्क किया गया। परिजन फौरन दिल्ली पहुंचे। छानबीन के बाद सभी बच्चों को उनके परिवार के हवाले कर दिया गया।
अपने बच्चों को पाकर परिजन बेहद खुश दिखाई दिए। वह पुलिस का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे। इस तरह दिल्ली पुलिस ने 5 जिंदगी बर्बाद होने से बचा लिया।
पुलिस ने बताया कि रविवार रात को कश्मीरी गेट थाने में तैनात एएसआई नरेेश पाल हनुमान मंदिर, जमुना बाजार के पास पेट्रोलिंग पर थे। इस दौरान उन्होंने ने देखा कि पांच बच्चे जिनकी उम्र आठ से 12 साल के बीच होगी वह संदिग्ध हालात में अकेले घूम रहे थे।
सारे बच्चे बढ़िया कपड़े पहने हुए थे। कमर पर पिटठू बैग लटकाया हुआ था, जिसमें कपड़े और कुछ सामान भी थे। शक होने पर एएसआई ने बच्चों को विश्वास में लेकर उनसे घूमने का कारण पूछा तो बच्चों ने बताया कि वह मुंबई जा रहे हैं।
उनको मुंबई में कई हीरों हीरोइन से मिलना है। जांच कार्रवाई में पता चला कि एक बच्चे के पास एक हजार और बाकी के पास 500-500 रुपये थे। फौरन नरेश समझ गया कि बच्चे परिजनों को बिना बताए घर से दिल्ली आ गए हैं।
पांच बच्चों को वह थाने लाया। यहां उनका विश्वास जीतकर बच्चों से पूछताछ की गई। बच्चों ने खुलकर पुलिस कर्मियों से बातचीत की और बताया कि उन्हें किस तरह बॉलीवुड की मूवी में काम करने वाले हीरो हीरोइन से लगाव है और उनसे मिलने की इच्छा है।
बच्चों ने बताया कि वह गांव बनत, शामली, यूपी के रहने वाले हैं। रविवार सुबह बस में सवार होकर वह सीमापुरी पहुंचे। वहां से वह एक ऑटो में सवार होकर मुंबई जाने के लिए आईएसबीटी पहुंचे थे।
पुलिसकर्मी नरेश ने बच्चों के खाने-पीने का इंतजाम कर उनको थाने में सुरक्षित रखा । इसके बाद उसने शामली थाने में संपर्क किया। वहां तब तक परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की थी।
अपना नंबर शामली थाने में छोड़कर नरेश ने इंतजार किया। इस दौरान परिवार शामली थाने पहुंच गए। वहां से नरेश के पास संपर्क किया गया। इसके बाद परिवार दिल्ली पहुंचे। छानबीन के बाद बच्चों को परिजनों के हवाले कर दिया गया।
परिवार अपने बच्चों को पाकर बेहद खुश थे। परिजनोंं ने बताया कि बच्चे टेलीविजन और मोबाइल पर मूूवी देखते और घर पर भी हीरो और हीरोइन से मिलने की इच्छा जताते।
इनमेंं से कई बच्चोंं ने कुछ हीरो को अपना आदर्श बना रखा है बहरहाल बच्चों की काउंसलिंग कराई जा रही है।