कोविड 19 की वजह से एक लम्बे समय तक लोग अपने घरों के भीतर लांकडाउन में रहे. और अभी भी काफी हद तक लांकडाउन में ही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी ज़रूरी है. ऐसे में फिटनेस की परिभाषा ही बदल गयी है. शहरों और महानगरों में जो लोग खुद को फिट रखने के लिये जिम जाते थे, वे अब घर पर ही व्यायाम कर रहे हैं.
अगर सिर्फ सतही तौर पर देखें तो ऐसा लगेगा कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोगों की फिटनेस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. अब आप सोचेंगे कि लोग अधिकतर घर पर भी रहते हैं, सारा दिन खाते रहते हैं, बाहर जाने आने में जो हल्का फुल्का व्यायाम होता था, वो भी बंद. तो ज़ाहिर सी बात है, लोगों की फिटनेस तो खराब होगी ही. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सच्चाई एससे बिल्कुल उलट है. बल्कि इस समय लोग अपनी फिटनेस पर सामान्य समय से भी अधिक ध्यान दे रहे हैं. जो लोग आमतौर पर जिम जाते थे, वे भी जिम की घर से दूरी या अपनी व्यस्तताओं के चलते हफ्ते में मात्र 3 या 4 दिन ही जिम जा पाते होंगे. कितने तो ऐसे भी हैं जो साल भर का सब्स्क्रिपशन लेकर बैठे रहते हैं और फिर महीने में एक बार जिम को अपने अलौकिक दर्शन देते हैं! तो ऐसे लोग लांकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के समय घर पर ही रहकर ज़्यादा एक्सर्साइज़ कर रहे होंगे. क्योंकि कहीं जाने आने का भी मसला नही है. यदि आप घर से ही काम कर रहे हैं तो बिना अपने कामों में कोई विघ्न डाले आप आराम से कमसकम आधा घंटा एक्सरसाइज़ के लिये निकाल सकते हैं. यदि आंफिस जाकर भी काम करना पड़ रहा है तो वह भी आजकल बहूत देर के लिये नहीं जाना होता. इसीलिये घर पर व्यायाम करने के लिये आराम से समय निकाला जा सकता है.
कोरोना की वजह से होम वर्कांऊट आजकल ट्रेंड में है. एलेक्ट्रांनिक मीडिया भी लगातार होम वर्काऊंट पर कार्यक्रम दिखा रहा है. घर पर ही योगा के कुछ मुलभूत आसनों द्वारा अपनी फिटनेस बरकरार रखने के टिप्स दिये जा रहे हैं. ऐसे में जो लोग फिटनेस को अब तक गंभीरता से नहीं लेते थे, वे भी सेहत के प्रति जागरूक हो गये हैं. और घर पर ही तरह तरह के व्यायाम ट्राई कर रहे हैं. आजकल तो यू ट्यूब पर फिटनेस वीडियोज़ की भरमार है. जिन्हे डांस पसंद है, उनक्के लिये डांस वीडियोज़ भी हैं. और फिर कोरोना वायरस से बचने की मुहिम में अपनी इम्यूनिटी बढाने के लिये भी लोग स्वास्थ्य पर सामान्य अवस्था से अधिक ध्यान दे रहे हैं. तो कुल मिलाकर कोरोना के समय में लोग अपनी फिटनेस पर सामान्य समय की अपेक्षा कहीं अधिक ध्यान दे रहे हैं. इसका एक पहलू यह भी है कि लोग बाहर कम से कम जाने की वजह से प्रदूषण और तनाव से बच रहे हैं. वजन बढ्ने का और फिटनेस खराब होने का एक प्रमुख कारण प्रदूषण और तनाव भी है. और ये दोनों आपस में जुड़े हैं. अधिक प्रदूषण में रहने से इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़्ता है. तनाव और गुस्सा बढ्ता है. इसके अतिरिक्त प्रदूषण इंसान की श्वासन प्रणाली से लेकर उसके पाचन तंत्र पर भी विपरीत प्रभाव डालता है. तो कोरोना काल में तो वैसे भी प्रदूषण काफी हद तक घट चुका है. और आखिरी लेकिन बेहद महत्व्पूर्ण बात यह है कि इस समय लोगों का बाहर खाना लगभग बंद है. तो घर पर बने साफ सुथरे, हल्के भोजन का सेवन करने से भी फिटनेस अच्छी बनी रहती है.