आईएसडी नेटवर्क। राम मंदिर उद्घाटन का समय जैसे-जैसे पास आ रहा है, इसे लेकर रोज़ नए विवाद सामने आ रहे हैं। देखा जा रहा है कि इस पूरे समारोह से देश की प्रतिष्ठित शंकाराचार्य पीठ को दूर रखा जा रहा है। राम मंदिर के अभिषेक समारोह में देश के बहुत से प्रसिद्ध व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया है। इन लोगों में बहुत सी बॉलीवुड हस्तियां भी शामिल हैं। रविवार को प्रसिद्ध बॉलीवुड कपल आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को अभिषेक समारोह में आने का निमंत्रण दिया गया है। वहीँ दूसरी ओर शंकाराचार्य जैसे बड़े संतों को व्यक्तिगत रुप से संपर्क कर नहीं बुलाया जा रहा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ऐसे निर्णयों से देश के हिन्दू समाज में ऐसा संदेश जा रहा है कि शंकराचायों के सम्मान से अधिक देश में बॉलीवुड सेलेब्स का सम्मान है।
अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस समारोह में शामिल होने के लिए कई फिल्मी हस्तियों को न्योता भेजा गया है, जिसमें सुपरस्टार रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, केजीएफ स्टार यश, चिरंजीवी, धनुष, प्रभास, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, माधुरी दीक्षित के नाम शामिल हैं।
रविवार को खबर आई कि सुनील अंबेकर, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख; श्री अजय मुडपे, प्रांत प्रचार प्रमुख, आरएसएस कोंकण और निर्माता महावीर जैन ने आलिया और रणबीर से मुलाकात की और उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित होने वाले श्री रामजन्मभूमि मंदिर प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया है। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में फिल्म उद्योग की तमाम हस्तियों को बहुत सम्मान के साथ बुलाया जा रहा है।
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत को भी व्यक्तिगत रुप से अभिषेक समारोह में आने का निमंत्रण दिया गया था। केंद्र सरकार जहाँ कलाकारों को व्यक्तिगत रुप से संपर्क कर बुला रही है, वही संत समाज के एक धड़े को आमंत्रण देने में इतनी गर्मजोशी नहीं दिखाई गई है। पुरी के श्रीगोवर्धन पीठ के 145वें जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने तो सार्वजनिक रुप से कहा कि ‘मुझे जो आमंत्रण मिला है उसमें लिखा है कि शंकराचार्य आना चाहें तो अपने साथ एक और व्यक्ति के साथ आ सकते हैं। इसके अलावा हमसे किसी तरह का अब तक संपर्क नहीं किया गया है।’
दरअसल अयोध्या में निमंत्रण को लेकर विवाद की स्थिति लगातार बनी हुई है। कुछ समय पूर्व मंदिर आंदोलन के प्रणेता रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को न बुलाकर कार्यक्रम से अलग-थलग रखने के प्रयास किये गए थे और अब शंकराचार्यो को बुलाने में सम्मान नहीं दिखाया जा रहा है। पुरी शंकराचार्य ने इसी कारण चिढ़कर बयान दिया था कि वे अयोध्या जाकर ताली नहीं बजाने वाले हैं।