विनीत नारायण। काशी के साथ हो रहे भद्दे मज़ाक़ पर विंग कमांडर पुष्कल द्विवेदी जी की ट्विटर पर निम्न पोस्ट को देखिए । आप भी विचलित हो जाएँगे।
हज़ारों वर्षों से दार्शनिक चिंतन, ध्यान, योग और मोक्ष के लिए जानी गयी पौराणिक नगरी काशी का ये पतन इसे तीर्थ से पर्यटन स्थल बनाने के कारण हो रहा है।
इस बात को हमारे जैसे लोग आपसे 2014 से कहते आ रहे हैं । धीरे-धीरे हर हिंदू तीर्थ स्थल इसी तरह आपके अतिउत्साह में मॉल जैसे भवनों वाले पर्यटन स्थल के रूप में बदलता जा रहा है। सर्कस जैसी रंगीन लेज़र रोशनियों में तीर्थ का आत्मप्रकाश लुप्त हो रहा है। उसकी आत्मा और चेतना भी लुप्त होती जा रही है।
हिंदू तीर्थों का जो पतन यवनों के शासन काल सहित सदियों में नहीं हुआ था वो अब तीव्रता से हो रहा है। सब सच्चे संतगणों व हम सब सनातनधर्म प्रेमियों को इसकी गहरी चिंता व पीड़ा है। क्या आप अपनी इस नीति और पुनर्विचार करेंगे ?