मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ यौन शोषण के आरोप पर इंडियन एक्सप्रेस की एक फर्जी खबर का खंडन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बयान तो जारी कर दिया, लेकिन असली सवाल है कि वह इंडियन एक्सप्रेस पर अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई कब करेगा?
दूसरा सवाल भी है कि नियमित कोर्ट-रिपोर्टर की जगह डिफेंस रिपोर्टर की खबर इंडियन एक्सप्रेस या उसके जर्नलिस्ट की राफेल के प्रतिस्पद्र्धी कंपनी के साथ क्या उसके सांगगांठ को जाहिर नहीं करता?