अर्चना कुमारी। माफिया डॉन अतीक और अशरफ थे आईएसआई के मददगार। ऐसा सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सबसे बड़ा सबूत एक ऐसा गुप्त लेटर जो साफ कर दे रहा अतीक और अशरफ का आतंकी कनेक्शन रहा है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि अशरफ ने की थी करेली से गिरफ्तार आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद। इतना ही नहीं
अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर को जानने और पासपोर्ट बनाने की बात लिखी थी। इससे प्रतीत होता है कि वह पाकिस्तान के खुफिया एजेंसियों के संपर्क में रहा है जबकि अपने लेटर हेड पर अशरफ ने जीशान कमर को भली भांति जानने की बात कही थी।
इस एवज में पाकिस्तान से मदद मांग लेता रहता था जबकि सूत्रों का कहना है जीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया और नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था। बाद में
वह आनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। गौरतलब है कि 2021 में हुई थी जीशान कमर की गिरफ्तारी और उस समय पुलिस की पूछताछ में अतीक और अशरफ ने कबूला था अपना isi कनेक्शन लेकिन जांच एजेंसियों ने दोनों को बाद में क्लीन चिट दिया या नहीं इसकी पुष्टि किया जाना बाकी है लेकिन दोनों भाई सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहे हैं।
दोनों भाइयों ने उस समय पाकिस्तान से हथियार खरीदने की बात की थी स्वीकार लेकिन दोनों भाइयों पर क्या कार्रवाई हुई यह पता नहीं चल पाया । पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशंका की माफिया अतीक और अशरफ जीशान कमर के जरिये isi से जुड़ गए थे