क्रिया की प्रतिक्रिया होना प्रकृति का अटल नियम है। प्रतिभाशाली फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप 2019 के आम चुनाव के बाद ही स्कवॉश का खेल खेलने में लगे हैं। वे दीवार पर बॉल मारते हैं और बाल उतनी तीव्र गति से लौटकर उनको मारती है। अनुराग दीवार पर बॉल मारते हैं तब उनके दिमाग में एक सोच चलती रहती है कि वे ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के देव पुरुष हैं।
अनुराग को लगता है कि उनके अलावा और कोई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग न करे। आक्रामक कंगना से पेंच लड़ाते हुए उन्होंने ये नहीं सोचा होगा कि कहीं से पायल आकर उनके कोर्ट में छनकने लगेगी। अब अनुराग कंगना की खनक और पायल की छनक के बीच हिसाब लगा रहे हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नामक जीर्ण-शीर्ण हो चुकी ढाल के पीछे कैसे छुपना है।
पायल घोष ने जो आरोप अनुराग पर लगाए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। अगले कुछ दिन उनके लिए कुछ बुरे हो सकते हैं। इन बुरे दिनों में पूर्व पत्नी आरती बजाज, माही गिल और तापसी पन्नू के ट्वीट्स का सहारा रहेगा।
पिछले वर्ष की ही बात है जब चुनाव परिणाम आने के बाद प्रतिभाशाली फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने ये कहते हुए ट्वीटर छोड़ दिया था कि ठग अब भारत पर राज करेंगे। उन्होंने भारत को ठगों को चुनने के लिए धन्यवाद भी कहा था।
उसके बाद जब वे ट्रोल किये गए तो ये कहकर ट्वीटर छोड़ गए कि जब आपके परिवार को ट्रोल किया जाने लगे तो समझ लेना चाहिए कि कोई भी आपसे बात करने वाला नहीं है। हालांकि वे इस मंच पर पुनः लौट आए और तेज़ाबी बारिश को जारी रखा। वे देश के प्रधानमंत्री को हिटलर और अर्बन नाजी कह सकते हैं।
वे देश के लोकतंत्र को गाली दे सकते हैं क्योंकि देश ने उस पार्टी को चुन लिया, जिसको अपमानित करने की उन्होंने सुपारी ले रखी है। फिर अनुराग ने ये कैसे सोच लिया कि उनको सोशल मीडिया के मंच पर इसका उत्तर नहीं दिया जाएगा।
अब तो राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पायल घोष के आरोप पर संज्ञान ले लिया है। निश्चित ही अनुराग को आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना पड़ेगा।
माही गिल, तापसी और आरती बजाज उनके पक्ष में खड़ी हो सकती हैं लेकिन उस दिन का सच तो अनुराग और पायल ही जानते हैं, जब वे पायल के सामने नग्नावस्था में आ गए थे और अनुचित मांग करने लगे थे।
जैसे अनुराग की महिला मित्रों को लगता है कि अनुराग ऐसा नहीं कर सकते, ऐसा ही विश्वास देश के लाखों लोगों की पायल की बात पर हो रहा है कि अनुराग ने ऐसा किया होगा। पायल अनुराग के साथ वैसे कम्फर्टेबल होने को तैयार नहीं हुई, जैसे और अभिनेत्रियां हो गई थीं। एक फिल्म निर्देशक को ऐसा क्यों लगता है कि वह जिसको अपनी फिल्म में कॉस्ट करेगा, उसे कम्फर्टेबल होना चाहिए।
अनुराग की सबसे पक्की समर्थक तापसी पन्नू ने उन्हें सच्चा फेमनिस्ट कहा है। तापसी के मुताबिक अनुराग अपनी फिल्मों के महिला चरित्रों को सशक्त दिखाते हैं। क्या वास्तव में ऐसा है। अनुराग की फिल्म देव-डी में नायिका अपने प्रेमी से शारीरिक संबंध स्थापित करने के लिए साइकिल पर गद्दा लादकर खेत की ओर जाती है।
सच में अनुराग की फिल्मों के महिला चरित्र सशक्त और अनुकरणीय होते हैं। उनकी एक और फिल्म मनमर्जियां में तापसी पन्नू का किरदार विवाह उपरांत भी अपने प्रेमी के साथ हमबिस्तर होती रहती है। क्या अनुराग एंड कंपनी के लिए इसी किस्म का नारीवाद आदर्श माना जाता है। अनुराग ने कहा है कि इस आरोप पर उन्हें पहले गुस्सा आया, फिर हंसी आ गई।
अति आत्मविश्वास और एक फिल्मकार होने का अहंकार हंसी ला ही देता है। एक गंभीर आरोप को वे हंसी में ले रहे हैं। अनुराग कश्यप को समझना चाहिए कि स्कवॉश के खेल में रिफ्लेक्सेस तगड़े होने चाहिए, नहीं तो बॉल नाक तोड़ देती है। पहले कंगना और अब पायल नामक गेंद को वे रैकेट पर नहीं ले पाए। अनुराग की नाक टूट गई है। उनकी प्रतिष्ठा जमीन पर आ गिरी है। वे पायल के सामने नग्न हुए थे और पायल ने उनको देश के सामने नंगा कर छोड़ा है।