सेवा में
श्रीमान मनोज सिन्हा जी
उपराज्यपाल
जम्मू व कश्मीर
विषय:इस्लामिक जिहादियों द्वारा की जा रही लक्ष्यित हिंसा पर आपके द्वारा दिये गए भ्रामक बयान के विरोध में ज्ञापन
महोदय,
नई निवेदन है कि मैं और मेरे साथी सन्यासी आपसे मिलने के लिये जम्मू कश्मीर के आपके आवास पर आ रहे थे परंतु राजनैतिक दवाब के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस हमें आपके पास आने से रोक रही है।अतः हम यह ज्ञापन गाज़ियाबाद प्रशासन के माध्यम से आपको भेज रहे हैं।
जैसा कि आप जानते ही है कि अभी जम्मू क्षेत्र में आधार कार्ड देख कर इस्लाम के जिहादियों ने कुछ हिन्दुओ की हत्या की है।इस तरह की हत्यायें वो पिछले लगभग 1400 सालो से पूरी दुनिया में कर रहे हैं।हम सनातन के मानने वाले हिंसा के यह वीभत्स और नँगे नाच के सबसे निरीह शिकार रहे हैं।अभी कुछ समय पहले ही कश्मीर में इस्लाम के जिहादियों ने अपने अल्लाह के संदेशवाहक मोहम्मद और उसकी किताब कुरआन के अनुसार आचरण करते हुए पण्डितों का नरसंहार कर दिया।
इन कश्मीरी पंडितों ने क्या क्या यातनाएं झेली हैं, शायद उनके बारे में आपने भी सुना ही होगा।अगर ये कश्मीरी पंडित सनातन धर्म छोड़ कर मुसलमान बन गए होते तो इन्हें बर्बाद होने की जरूरत नही पड़ती और ये अभी भी आराम से कश्मीर में ही रह रहे होते।कांग्रेस तथा अन्य मुस्लिम परस्त दलों के नेता इन लुटे पिटे पंडितों सहित सारी दुनिया को यह बताते रहे कि मोहम्मद और उसकी किताब के अनुसार होने वाले इन विशुद्ध इस्लामिक कुकृत्यों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिये।
उस समय बहुत सारे हिन्दू उनकी इस बात पर विश्वास भी कर लेते थे क्योंकि उन्हें मोहम्मद के कारनामों, कुरआन के आदेशों और हदीसों में लिखे खौफनाक इस्लामिक कायदे कानूनों की कोई जानकारी नहीं थी।परंतु आज संचार क्रांति के युग मे जब मोहम्मद के जीवन की एक एक घटना को समझा जा रहा है,क़ुरआन के एक एक अक्षर को पढ़ा जा रहा है और हदीसो को परखा जा रहा है।
तब आपका यह कहना कि इस तरह की लक्ष्यित हिंसा को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए,यह इस्लाम के जिहादियों द्वारा अब तक मारे गए कई सौ करोड़ हिन्दुओ के जख्मो पर नमक छिड़कने जैसा है।अति महत्वपूर्ण पदों पर आसीन अधिकारियों और नेताओं की इस भ्रामक और कायराना बयानबाजी से इस्लाम के जिहादियों का हौसला बढ़ता है और वो अधिक नरसंहार करने के लिये प्रेरित होते हैं।
आज की परिस्थितियों में किसी भी राजनैतिक व्यक्ति से यह आशा करना कि वो सनातन धर्म और हिन्दू समाज के हित मे कोई कार्य करेगा,एक मृगतृष्णा के समान है पर आपके जैसे सुलझे हुए राष्ट्रवादी से हम यह भी आशा नहीं करते कि आप कश्मीरी पंडितो सहित पूरे दुनिया में इस्लामिक जिहादियों द्वारा मारे गए निर्दोष हिन्दुओ के जख्मो पर इस तरह नमक मलने का कार्य करेंगे।
और जहाँ तक बात इस तरह की हिंसा में कुछ मुसलमानो के मारे जाने की है तो आपको उसको समझने के लिये मोहम्मद के जीवन सहित इस्लाम के 1400 के इतिहास को पढ़ने की जरूरत है।इसके लिये मैं और मेरे सन्यासी बन्धु आपको कुरआन सहित लगभग 150 किताबे और इस्लामिक विद्वानों के भाषणों की कुछ वीडियो रेकॉर्डिंग आपको भेंट करना चाहते हैं। आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य के लिये हमें मिलने का समय देने की कृपा करें।हम सभी सन्यासी आपके जम्मू कश्मीर आवास पर आकर आपको यह सब सामग्री भेंट करेंगे।
देवाधिदेव भगवान महादेव शिव और जगद्जननी माँ जगदम्बा से प्रार्थना करता हूं कि वो आप सहित हम सभी हिन्दुओ को सद्बुद्धि प्रदान करें जिससे कि हम सब मिलकर अपने धर्म,अपने राष्ट्र,अपनी संतानों सहित अपने अस्तित्व को बचा सके।
धन्यवाद
निवेदक: यति नरसिंहानंद गिरी
(पूर्व नाम यति नरसिंहानंद सरस्वती)
महामंडलेश्वर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा
A/C No. – 120000255224
Name – Yati Narsinghanand Saraswati Foundation
Branch – RDC Raj Nagar
IFSC Code – CNRB0018780
Bank Name – Canara Bank