विपुल रेगे। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के नए बयान ने एक पुराने जिन्न को बोतल से बाहर निकाल कर खड़ा कर दिया है। विगत एक माह से वे पुनः ओटीटी से अश्लीलता को समाप्त करने की बात करने लगे हैं। मोदी सरकार समय-समय पर ओटीटी पर से अश्लीलता समाप्त करने की बात कहती है लेकिन चुनाव से बाहर आने के चुनी हुई सरकार को वादे याद नहीं रहते।
केंद्र सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय को लेकर विगत आठ वर्ष में लगातार विरोध की स्थिति बनी रही है। जबसे मोदी सरकार आई, तबसे ही देश की जनता ने फिल्मों, मीडिया और ओटीटी को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग की थी। आज आठ वर्ष से अधिक समय हो गया लेकिन मोदी सरकार इस मांग को पूरा करने में बेबस दिखाई देती है। जिस समय प्रकाश जावड़ेकर सूचना व प्रसारण मंत्री थे, उस समय बहुत मांग उठने के बाद देश के तत्कालीन राष्ट्रपति ने जावड़ेकर को कड़ा कानून बनाने के लिए पर्याप्त शक्तियां प्रदान की थी लेकिन इसके बाद भी केंद्र कानून बनाने से बचता रहा।
लोगों की आँखों में धूल झोंकने के लिए जावड़ेकर कानून न बनाते हुए विदेश से आयातित गाइडलाइंस लेकर आ गए। उस समय केंद्र पर अत्याधिक दबाव बन गया था कि एक सख्त कानून बनाया जाए लेकिन इस एक बचाव की गली का सहारा लेकर केंद्र बॉलीवुड, मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म को बचा ले गया। सामने केंद्र कहता रहा कि उसके लाए दिशा-निर्देश किसी कानून की तरह सख्त है लेकिन धीरे-धीरे सच जनता के सामने आने लगा। सरकार द्वारा लाई ये कथित गाइडलाइंस फिल्मों की गंदगी को रोकने में किसी भी तरह सफल नहीं हो सकी।
एकता कपूर जैसे फिल्म निर्माता गंदगी परोसते रहे। जावड़ेकर की बहुत आलोचना हुई और केंद्र ने उन्हें मंत्री पद से विदाई दे दी। नए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के आने के बाद फिर से कानून बनाने की मांग उठी लेकिन अबकी बार सरकार कानून बनाने को लेकर कतराती नज़र आई। मंत्री जी अपने विभाग को छोड़ दूसरे विभागों की प्रेस वार्ताएं करने में बिजी रहे और एकता कपूर गंदगी फैलाती रही। अब अचानक अनुराग ठाकुर को ओटीटी पर गंदगी फैलती दिखाई दे रही है। वे कहने लगे हैं कि वेब सीरीज की गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हालाँकि दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अमेजन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। अमेजन इंडिया और प्राइम वीडियो पहले से ही भारत में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि अनुराग ठाकुर जिन ओटीटी प्लेटफॉर्म को सुधरने की चेतावनी दे रहे हैं, प्राइम वीडियो उनमे से एक हैं। हैरानी की बात है कि अनुराग ठाकुर जिस कार्यक्रम में ओटीटी को संयम बरतने की बात कह रहे थे, वह कार्यक्रम केंद्र सरकार और अमेजन इंडिया के बीच हुआ करार के उपलक्ष्य में हो रहा था। प्राइम वीडियो पर तो कई बार धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
ये बात तो तय है कि केंद्र सरकार अब भी ओटीटी को लेकर कानून नहीं बनाएगी। अनुराग ठाकुर के बयान को तो मोदी सरकार के समर्थक भी गंभीरता से नहीं ले रहे है।संभव है कि ये कर्नाटक चुनाव के चलते ये बयान दिया गया है। बॉलीवुड, मीडिया और सोशल मीडिया पर कड़ा क़ानून बनाने के दावे, दावे ही रह गए है। मोदी सरकार इस सांस्कृतिक आतंकवाद के आगे नतमस्तक हो चुकी है। फेक न्यूज़ को लेकर आठ वर्ष तक कानून न बनाने वाली सरकार अब ओटीटी पर झूठे बयान जारी कर रही है।ऐसे में जब सारे दल आम चुनाव के मोड में जा चुके हैं तो भाजपा को अपने अधूरे वादें पूरे करने के बारे में सोचना चाहिये। जबकि अब भी अनुराग ठाकुर जैसे मंत्री पुराने वादों को नई कलई चढाकर पेश कर रहे हैं।