By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Reading: ओशो संबोधि दिवस (21मार्च) के अवसर पर जानिए, कैसे हुए थे वो ज्ञान को उपलब्ध।
Share
Notification
Latest News
Adani Loses $4 Billion As Questions About His Company’s Loan Repayments Trigger Stock Sell-Off
Business
OSHO Discourse Part-1 From Bondage to Freedom
ISD Podcast
Action under National Security Act/UAPA.
English content
न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर उप राष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग !
संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
फेसबुक लाइव ! 
अपराध
Aa
Aa
India Speaks DailyIndia Speaks Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • Blog
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • सरकारी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDeo blog
    • Your Story
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speaks Daily > Blog > धर्म > उपदेश एवं उपदेशक > ओशो संबोधि दिवस (21मार्च) के अवसर पर जानिए, कैसे हुए थे वो ज्ञान को उपलब्ध।
उपदेश एवं उपदेशक

ओशो संबोधि दिवस (21मार्च) के अवसर पर जानिए, कैसे हुए थे वो ज्ञान को उपलब्ध।

Courtesy Desk
Last updated: 2018/03/21 at 9:34 AM
By Courtesy Desk 195 Views 7 Min Read
Share
7 Min Read
OSHO
OSHO (File Photo)
SHARE

आज ओशो संबोधि दिवस है। आज ही के दिन 21 मार्च 1953 को संस्कारधानी जबलपुर के भंवरताल पार्क स्थित मौलश्री वृक्ष के तले आचार्य श्री रजनीश को संबोधि की परम उपलब्धि हुई थी। यही वजह है कि जो स्थान बुद्ध के अनुयायियों के लिए बोधिगया का है वही देश-दुनिया में फैले लाखों-करोड़ों ओशो प्रेमियों के लिए जबलपुर का। ओशो अपनी संबोधि के बारे में कहते हैं कि वह और कुछ नहीं, बस तुम प्रकाश बन जाते हो, तुम्हारा अंतरतम प्रकाशमान हो जाता है।

संबोधि का अर्थ है विचार और भाव से रहित शुद्ध चेतना का अनुभव। जब चेतना पूरी तरह से खाली होती है तो अपने भीतर विस्फोट सा होता है और अंतर के आकाश में ऐसा प्रकाश फैल जाता है कि जिसका कोई स्रोत, कोई कारण नहीं होता। और एक बार जब यह घटता है तो बाद में कभी वह छूटता नहीं है। जब तुम सोए रहते हो तब भी वह प्रकाश भीतर रहता है। इसके बाद हर वस्तु को तुम नई दृष्टि से देखने लगते हो। ओशो संबोधि दिवस पर नईदुनिया के सुधी पाठकों को संबोधि की उस महाघटना के बारे में अवगत कराने की दिशा में हमारा यह एक छोटा सा प्रयास है।

ओशो ने स्वयं अपनी संबोधि के बारे में जो वर्णन किया है उसके अनुसार-

मैं अपने निवास स्थान योगेश भवन से निकलकर नजदीक ही स्थित भंवरताल पार्क की ओर जाने लगा। मेरी वह चाल ही नई थी, ऐसा लग रहा था जैसे गुरुत्वाकर्षक समाप्त हो गया हो। मुझे लग रहा था मैं चल नहीं दौड़ रहा हूं या उड़ रहा हूं, उस समय मैं निर्भार सा था। जैसे कि कोई ऊर्जा मुझे खींच रही थी, किसी ऊर्जा ने मुझे अपने हाथों में ले लिया था। पहली बार मैं अकेला नहीं था, पहली बार मैं एक व्यक्ति नहीं था, पहली बार बूंद सागर में गिर गई थी। अब वह सारा सागर मेरा था, मैं ही सागर बन गया था। उसकी कोई सीमा नहीं थी। मेरे भीतर ऐसी शक्ति उठ रही थी जिसके कारण मैं कुछ भी कर सकता था। वस्तुतः मैं था ही नहीं, केवल वह शक्ति वहां थी।

More Read

OSHO Discourse Part-1 From Bondage to Freedom
29 Years On, Osho’s Death Remains a Mystery
भगवान और उनके कार्य को कैसे हानि पहुंचाई गई।
ओशो संबोधि दिवस विशेषः जहां ओशो को प्राप्त हुई संबोधि

मैं उस बगीचे के पास पहुंचा जो उस समय बंद था क्योंकि रात का लगभग एक बज रहा था। माली सो गए थे, मुझे चोरों की तरह फाटक पर चढ़कर कूदना पड़ा क्योंकि कुछ मुझे उस बगीचे की ओर खींच रहा था और मैं अपने आपको रोक नहीं सकता था। मैं तो हवा में तैर रहा था। चारों ओर बरस रही थी भगवत्ता…!

ओशो आगे कहते हैं कि जैसे ही मैं भंवरताल बगीचे में घुसा वैसे ही वहां पर सबकुछ प्रकाशमान हो गया। चारों ओर भगवत्ता बरस रही थी। मैंने पहली बार वृक्षों की हरियाली और उनके भीतर के जीवन रस को देखा। समस्त बगीचा सोया हुआ था, वृक्ष भी सोए हुए थे लेकिन मुझे वह सारा बगीचा जीवंत मालूम हुआ, घास के छोटे-छोटे पत्ते भी बहुत सुंदर दिखाई दे रहे थे। मैंने चारों ओर देखा। एक पेड़-मौलश्री का पेड़ बहुत ही ज्योतिर्मय था। उसने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया मैंने नहीं, परमात्मा ने ही उसे चुना था। मैं जाकर उसके नीचे बैठ गया। जैसे ही मैं बैठा, सब शांत होने लगा।

समस्त विश्व से भगवत्ता बरसने लगी। यह कहना मुश्किल है कि इस स्थिति में मैं कब तक रहा। जब मैं वापस घर आया तो सुबह के चार बज रहे थे। तो इसका अर्थ है कि मैं वहां तीन घंटे रहा- वे तीन घंटे अनंत काल की तरह लग रहे थे- वह अनुभव समयातीत था, समय था ही नहीं, उस अस्पर्शित, विशुद्ध, कुंवारी, वास्तविकता की कोई सीमा नहीं थी, उसे मापा नहीं जा सकता था। उस दिन जो घटा वह मेरे भीतर अंतरधारा की तरह निरंतर बहने लगा। हर क्षण, वह बार-बार घटने लगा। हर क्षण वह चमत्कार होने लगा। उस रात से मैं अपने शरीर में नहीं रहा- मैं बस उसके इर्द-गिर्द घूमने लगा।

ओशो का ठहाका लगाकर हंसना!
ओशो संबोधि की प्राप्ति के बारे में सवाल किए जाने पर ठहाका लगाकर हंसते और कहते थे कि- बुद्धत्व को प्राप्त करने का प्रयास ही बेतुका था। क्योंकि हम प्रबुद्ध ही पैदा होते हैं और जो हम हैं ही उसे पाने का प्रयास हास्यास्पद ही कहा जाएगा। उपलब्ध तो उसे किया जाता है जो तुम्हारे पास नहीं है और जो तुम्हारा आंतरिक हिस्सा नहीं है किन्तु बुद्धत्व तो तुम्हारा स्वभाव है। मैं कई जन्मों से इसके लिए संघर्ष कर रहा था और मेरे जीवन का लक्ष्य सदैव यही रहा। इसे उपलब्ध करने के लिए मैंने हर संभव प्रयास किया किन्तु सदा असफल रहा। ऐसा होना ही था क्योंकि यह उपलब्धि नहीं है। यह तुम्हारा स्वभाव है इसलिए तुम इसे कैसे उपलब्ध कर सकते हो, इसको अपनी महत्वाकांक्षा भी नहीं बनाया जा सकता। मन महत्वाकांक्षी है- धन, शक्ति और प्रतिष्ठा का महत्वाकांक्षी है। फिर एक दिन जब यह बाहरी कार्यकलापों से ऊब जाता है तो इसकी महत्वाकांक्षा का लक्ष्य बन जाता है- समाधि, मुक्ति, निर्वाण या परमात्मा।

महत्वाकांक्षा तो वही है, केवल उसका लक्ष्य बदल जाता है। पहले लक्ष्य बाहर था, अब वह भीतर है। किन्तु तुम्हारा रवैया नहीं बदलता, तुम्हारा दृष्टिकोण नहीं बदलता, तुम उसी पुराने ढर्रे पर चलने वाले व्यक्ति हो। जिस दिन मुझे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई उस दिन मेरी समझ में आया कि उपलब्ध करने को कुछ नहीं है, कही…… ओशो।


नीचे:
साभार एक ओशो प्रेमी

Related

TAGGED: Osho, osho vani hindi
Courtesy Desk March 21, 2018
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Previous Article India Speaks Daily - ISD News हिंदू धर्म को बांटने पर आमदा है कांग्रेस!
Next Article BHEL के डीजीएम के हत्यारोपियों को पकड़वाने के लिए फेसबुक का लिया सहारा !
Leave a comment Leave a comment

Share your Comment Cancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

Adani Loses $4 Billion As Questions About His Company’s Loan Repayments Trigger Stock Sell-Off
OSHO Discourse Part-1 From Bondage to Freedom
Action under National Security Act/UAPA.
न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर उप राष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग !

You Might Also Like

ISD Podcast

OSHO Discourse Part-1 From Bondage to Freedom

March 29, 2023
English contentउपदेश एवं उपदेशक

29 Years On, Osho’s Death Remains a Mystery

March 24, 2023
उपदेश एवं उपदेशक

भगवान और उनके कार्य को कैसे हानि पहुंचाई गई।

March 24, 2023
उपदेश एवं उपदेशक

ओशो संबोधि दिवस विशेषः जहां ओशो को प्राप्त हुई संबोधि

March 21, 2023
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Advertise Contact
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2023 - Kapot Media Network LLP.All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?