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संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही

जावड़ेकर के दिशा-निर्देशों को सुप्रीम कोर्ट ने बताया बिना दांत-बिना नाख़ून का शेर

Vipul Rege
Last updated: 2021/04/09 at 12:31 PM
By Vipul Rege 41 Views 4 Min Read
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4 Min Read
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इन दो ख़बरों के अंतर्संबंध को सहज ही समझा जा सकता है। ओटीटी पर बनाए गए दिशा-निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट की बेबाक टिप्पणी और अमेजन की अधिकारी अपर्णा पुरोहित को राहत दिया जाना इन ख़बरों के अंतर्संबंध को बता रहा है। सूचना व प्रसारण मंत्रालय की पोटली से प्रकट हुए इन ताज़ा दिशा-निर्देशों को न्यायालय की टिप्पणी ने लू लगा दी है। इन दंत विहीन-नख विहीन दिशा-निर्देशों को न्यायालय ने चमचमाता आईना दिखाया है।

इस मुद्दे पर Sandeep Deo का Video

ये दोनों समाचार वेब सीरीज तांडव की कोख से निकले हैं। तांडव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कह दिया कि अमेजॉन की अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसी सुनवाई में माननीय न्यायालय ने ओटीटी पर बनाए दिशा-निर्देशों को लेकर कहा ‘ओटीटी के लिए बनाए गए नए नियम फिलहाल बिना दांत और नाखून वाले शेर की तरह हैं, क्योंकि इसमें किसी प्रकार के दंड या जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है।’

Yaaaaasssssss!!! Thank you #SupremeCourt 🙏🏽🙏🏽👏🏽👏🏽 https://t.co/VOIwPhAdHJ

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— Swara Bhasker (@ReallySwara) March 5, 2021

न्यायालय ने अप्रत्यक्ष रुप से सरकार को आईना दिखा दिया है। यदि आज सुप्रीम कोर्ट के पास केंद्र का बनाया कानून होता तो अमेजॉन की उक्त अधिकारी की न केवल गिरफ्तारी संभव थी, बल्कि ओटीटी समूह को एक कड़ी चेतावनी मिल जाती। इस मंच पर पहले ही सावधान कर दिया गया था कि प्रकाश जावड़ेकर के दिशा-निर्देश इतने निर्बल हैं कि ओटीटी पर प्रसारित किये जा रहे सांस्कृतिक आतंकवाद को इनसे कैसे भी प्रभावित नहीं किया जा सकता।

देश के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जावड़ेकर जी इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं। वेब सीरीज तांडव के विरुद्ध देशभर में कई एफआईआर दर्ज की गई है। देवी-देवताओं का अपमान करने और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा से खिलवाड़ करने को लेकर देश के नागरिकों में भयंकर आक्रोश है, जिसे जावड़ेकर जी का महंगा चश्मा देख नहीं पा रहा है।

The new rules on OTT rules have no teeth, says the #SupremeCourt as it asks Centre to consider bringing in a law instead of mere guidelines. Govt asks for 2 weeks.
Order came while hearing pre-arrest bail plea of Amazon Prime Video creative head Aparna Purohit in FIR over Tandav

— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) March 5, 2021

मुझे हैरानी है कि अब तक किसी ने मंत्री महोदय से सिर्फ एक प्रश्न नहीं पूछा कि ओटीटी पर सख्त कानून बनाते-बनाते आप ये लचर दिशा-निर्देश कहाँ से ले आए हैं। देश का मैनस्ट्रीम मीडिया और मनोरंजन उद्योग के हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए केंद्र सरकार से ये प्रश्न कभी न पूछा जाने वाला है। उनके पास सहूलियत है कि जनता के ज्वलंत प्रश्नों का उत्तर देने की कोई विवशता नहीं है।

बड़ी ख़बर- OTT प्लेटफॉर्म की सामग्री पर नियंत्रण के लिए बने नियमों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- इनमें जुर्माना लगाने या मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान नहीं,बिना उचित कानून पास किए नियंत्रण नहीं हो सकता.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा दो हफ्ते में ड्राफ्ट कानून कोर्ट में पेश करेंगे

— Vikas Bhadauria (@vikasbha) March 5, 2021

ऐसे में जनता के मन में इस मंत्रालय के प्रति जो अविश्वास पनप रहा है, उसका क्या? कल सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण है। माननीय जावड़ेकर जी को अपने कैबिन के डिस्प्ले बोर्ड पर इस टिप्पणी को चिपका कर रोज पढ़ना चाहिए। जब मनोरंजन उद्योग के महारथियों ने बिना दांत और बिना नाख़ून वाले इन दिशा-निर्देशों की प्रशंसा की थी, तभी समझ आ गया था कि जावड़ेकर विश्व के कुछ देशों का कचरा बटोर लाए हैं।

इस बात को न्यायालय की टिप्पणी ने सिद्ध कर दिया है। माननीय राष्ट्रपति से शक्तियां पाने के बाद कानून न बनाना दर्शाता है कि सूचना व प्रसारण मंत्रालय न केवल देश के साथ धोखा कर रहा है बल्कि छह वर्ष से शानदार कार्य कर रही केंद्र सरकार की छवि पर काला दाग लगा रहा है।

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TAGGED: Amezon prime, bollywood news, information and broadcasting minister, ott platform, PMO India, Prakash Javadekar, tandav amazon prime
Vipul Rege March 6, 2021
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Vipul Rege
Posted by Vipul Rege
पत्रकार/ लेखक/ फिल्म समीक्षक पिछले पंद्रह साल से पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय। दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पत्रिका, स्वदेश में बतौर पत्रकार सेवाएं दी। सामाजिक सरोकार के अभियानों को अंजाम दिया। पर्यावरण और पानी के लिए रचनात्मक कार्य किए। सन 2007 से फिल्म समीक्षक के रूप में भी सेवाएं दी है। वर्तमान में पुस्तक लेखन, फिल्म समीक्षक और सोशल मीडिया लेखक के रूप में सक्रिय हैं।
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