आज जब लोकसभा चुनाव में जाने का वक्त आ गया है तो कांग्रेस मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर हमला कर रही है। जबकि कांग्रेस बेहतर ढंग से जानती है कि मोदी सरकार पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की करतूतों का खामियाजा भुगत रही है। इतना होने के बाद भी मोदी सरकार तथा भाजपा और उसके गठबंधन शासित सरकारों ने ढाई रुपये कम किए हैं जबकि कांग्रेस शासित एक भी राज्य ने एक ढेला भी कम नहीं किया है।
मुख्य बिंदु
* मोदी सरकार के साढ़े चार साल में महज 7 रुपये बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम जबकि मनमोहन सरकार के 8 साल में बढ़े थे 40 रुपये
* पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार के 70 हजार करोड़ वायल बांड चुकता किया है पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने
मनमोहन सरकार की करतूतों के बारे में आप उन्हीं कांगेस पार्टी से निष्कासित नेता शहजाद पूनावाला के मुंह से सारी हकीकत पहले पढ़िए और फिर सुनिए…
* अर्थशास्त्री तथा पूर्व प्राधनमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जब साल 2004 में सत्ता में आए तब पेट्रोल की कीमत 35 रुपये प्रति लीटर थी
* साल 2012 में जब उनका जाना तय माना जाने लगा तब पेट्रोल की कीमत बढ़कर 75 रुपये पर पहुंच गई
* कहने का मतलब उनके 8 साल के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमतों में 40 रुपये का इजाफा हुआ था
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए तब पेट्रोल की कीमत 75 रूपये थी, आज बढ़कर वह 82 रुपये पर पहुंच गई है
* कहने का मतलब मोदी के साढ़े चार के दौरान पेट्रोल की कीमत में महज 7 रुपये का इजाफा हुआ है
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* मनमोहन सरकार के दौरान ओएनजीसी की हर साल एक-एक लाख रुपये रिकवरी हुआ करती थी जो मोदी सरकार में घटकर 20 से 30 हजार करोड़ रह गई है
* इतना ही नहीं मनमोहन सरकार 2014 में आने वाली सरकार के सिर पर 70 हजार करोड़ वायल बांड के रूप में बड़ा ऋण छोड गई थी
* अपनी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा छोड़ गए 70 हजार करोड़ ऋण को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चुकाय़ा है
* मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में 6 लाख करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्टर पर खर्च किया है
* मनमोहन सरकार ने खेती पर कभी ध्यान नहीं दिया वहीं मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में 2 लाख करोड़ का अधिकतम बजट कृषि क्षेत्र के लिए आवंटित किया है
* मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का 34 प्रतिशत राज्य सरकार को आवंटित किया हुआ था, जिसे बाद में बढाकर 42 प्रतिशत कर दिया
* केंद्र सरकार और भाचपा तथा भाजपा गठबंधन वाली राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में ढाई रुपये की कटौती की है! जबकि कांग्रेस प्रशासित एक भी राज्य ने एक एक ढेला तक कम नहीं किया है।
और अधिक तथ्य के लिए शहजाद पूनावाला के ही मुंह से सुन लीजिए…
Why Opposition States is not cutting Petrol: Diesel rates when Center has cut the prices by Rs 2.50 ! Listen to @Shehzad_Ind for details.. pic.twitter.com/EPJnMYslOf
— ML Bagri (@Makhanlal2_) October 7, 2018
URL: Prices of petrol and diesel increased due to mismanagement of former PM Manmohan Singh
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