श्वेता पुरोहित। क्या आप जानते हैं कि भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिष में सरस्वती योग होता है.
क्या होता है ये योग और कैसे बनता है ये योग?
भृगु नंदी नाड़ी में ग्रहों और राशियों के कारकत्व की प्रधानता होती है.
ज्योतिष में बुद्ध, बुद्धि और शिष्य (स्टूडेंट) का द्योतक है. बृहस्पति, देवगुरु बृहस्पति हैं और शुक्र, दैत्यगुरु हैं.
तो जब शिष्य के ऊपर दोनों गुरुओं का आशिर्वाद हो जाए तब उसके ऊपर सरस्वती देवी की कृपा निखर के आती है.
अर्थात जब कुंडली में बुद्ध का सम्बंध शुक्र और बृहस्पति से हो तब सरस्वती योग बनता है और ऐसा जातक बहुत बुद्धिमान होता है. वह बहुत सारी कलाओं और विद्याओं में पारंगत होता है. कई बार देखा गया है कि ऐसा जातक चलता फिरता एनसैक्लोपीडिया है जिसे सभी विषयों में जानकारी होती है।