कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लीजिए अगर सीमाओं को पार करेंगे तो ये मोदी है लेने के देने पड़ जाएंगे। ये चेतावनी किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुबली में अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस को दी है। उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अदालत का सामना करने के बावजूद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री यदुरप्पा पर अनर्गल, आधारहीन और झूठे आरोप लगाने से बाज नहीं आते। मैं अपनी मर्यादा तोड़ना नहीं चाहता, अपनी मर्यादा में रहते हुए हुबली के मैदान से कांग्रेस के नेताओं से एक सवाल पूछना चाहता हूं! आप सार्वजनिक सीमाओं को लांघ ही नहीं रहे बल्कि सार्वजनिक मर्यादाओं को भी तार-तार कर रहे हैं। यदि है दम तो मेरे सवाल का जवाब दें। पूरे कांग्रेस के नेता बताएं कि कांग्रेस की नेता मां और उनका बेटा कोर्ट से जमानत पर रिहा हैं कि नहीं? आप पर एफआईआर क्यों दर्ज हुई? मां-बेटे पर क्या आरोप है? कोर्ट से आखिर जमानत क्यों लेनी पड़ी? इसका जवाब मैं देता हूं, क्योंकि कांग्रेस में इसका जवाब देने का दम नहीं है। दरअसल कांग्रेस के नेता मां-बेटे पर पांच हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। और इसलिए दोनों मा-बेटे जमानत पर हैं। जिस पार्टी का मुखिया जमानत पर चल रहा है वह मुझसे सवाल पूछ रहा है।
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मुख्य बिंदु:
* कांग्रेस नेताओं से खुले में पूछा सवाल, आखिर सोनिया और राहुल गांधी जमानत पर क्यो रिहा हैं?
* दोनों मां-बेटे पर हैं 5 हजार करोड़ रुपये के घोटाला करने का आरोप, तभी चल रहे हैं जमानत पर
* एक साल बाद भी सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कटसी कॉल के तहत भेंट नहीं की
नेशनल हेरॉल्ड मामले में सोनिया गांधी और उनके पूरे परिवार का रवैया न्यायपालिका को नीचा दिखाने जैसा है। इस मामले में दोनों मां बेटे ने दिखा दिया है कि गांधी परिवार खुद को हर नियम कानून तथा संवैधानिक दायित्वों से ऊपर हैं। तभी तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कोर्ट में कांग्रेस पार्टी के दस्तावेज तथा वे अपने कंपनियों के दस्तावेज कोर्ट में पेश करने से सुब्रहमण्यम स्वामी की मांग से इनकार कर दिया है।
कांग्रेस को लगता है कि कोर्ट में अपना दस्तावेज जमा करने से उसकी तौहीन हो जाएगाी। इसलिए वह खुद से कोर्ट में दस्तावेज जमा करने की स्वामी की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। वही स्वामी ने कहा कि कांग्रेस के दस्तावेजों में कई विसंगतिया हैं, जिसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में उनके वकीलों द्वारा पेश दस्तावेज को या तो स्वीकार करे या फिर इनकार करे। स्वामी ने कहा कि दोनों ही स्थिति में वह एक केस दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इनकार किया तो उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ कंटेप्ट का केस दर्ज कराएंगे और अगर स्वीकार किया तो कई विसंगतियां उजागर होंगी।
दरअसल यह महज नेशनल हेरॉल्ड के संदर्भ में कोर्ट का ही मामला नहीं है सोनिया गांधी का पूरा परिवार ही ऐसा व्यवहार करता है जैसे वह इस देश का रानी या राजा हो। उनके परिवार पर कोई संवैधानिक वैधता लागू ही नहीं होती। संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी की सामंती सोच अभी तक गई नहीं है। तभी तो देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पद ग्रहण किए हुए एक साल हो गए हैं। लेकिन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अभी तक कटसी कॉल के तहत उनसे मुलाकात करना गंवारा नहीं समझा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अभी तक राष्ट्रपति से औपचारिक कटसी कॉल के तहत मुलाकात नहीं की। हां एक ज्ञापन देने के दौरान उन्होंने मुलाकात जरूर की।
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इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस किसी दलित को इतने बड़े पदों पर देखना ही नहीं चाहती है। महज वोट लेने के लिए दलितों की हिमायती बनने का नाटक करती है।
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URL: Sonia, Rahul Gandhi didn’t like when Kovind, a Dalit, became President, PM Modi alleges
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