अर्चना कुमारी। उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक मुस्लिम न्यायाधीश पर आरोप है कि उसने अपने कार्यालय परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की फ़ोटो हटा दिया क्योंकि वह इसे देखकर रोज भड़क जाते थे ,जो बरसों से वहां रखी हुई थी। इतना ही नहीं उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की फ़ोटो भी हटवाई और कोर्ट परिसर में लगे राष्ट्रीय ध्वज तक को उतरवा दिया।
ऐसा दावा उनके मातहत कर्मचारी ही कर रहे हैं। कर्मचारी का कहना है कि न्यायाधीश ने हिंदू देवी देवताओं की फोटो को देखकर नाराज हो जाते थे। इस वजह से उन्होंने मूर्तियों को हटवा दिया था लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं थी और उसने कार्यालय आते मूर्तियों को वही रख दिया ,जहां वह पहले होती थी।
उसका कहना था कि अंबेडकर की फोटो भी हटा दी गई थी और उसने फोटो को भी दोबारा उसे जगह पर रख दिया। यह देख जज साहब भड़क गए और उसने पेशकार को बुलाकर मुझ पर फाइल चोरी करने का आरोप के तहत जेल भेजने को कहा लेकिन पेशकार मना कर दिया तब उन्होंने पेशकार और मुझे हटा दिया।
इसके अलावा दैनिक मजदूरी पर रखे गए दो कर्मी जो हिंदू थे, उन्हें भी चलता कर दिया । यह हालत तब है देश में समान नागरिक संहिता को लेकर बहस चल रही है और इसे मुस्लिम समाज कतई स्वीकारने को तैयार नहीं है।
इससे पहले भी एनआरसी लागू किया गया तब भारतीय मुसलमानों के लिए इस नए कानून में कुछ भी नहीं था लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में दंगे हुए और 53 लोग मारे गए थे क्योंकि मुस्लिम समाज हिंदू ऊपर दबाव की राजनीति करना चाहता है।
यही वजह है कि केंद्र सरकार इस अध्यादेश को पारित कराने के बावजूद लागू नहीं कर पाई।मुस्लिम किसी भी क्षेत्र में हो लेकिन वह शरिया का ही कानून चाहते हैं और उन्हें तिरंगा हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति तथा अंबेडकर की फोटो से तो नाराजगी होगी ही चाहे वह कोई मजदूर हो या फिर मुस्लिम जज।