अर्चना कुमारी। हिंदुओं ने एक बार फिर आह्वान किया है कि ब्रजमंडल यात्रा यात्रा की जाएगी। संभावित तिथि 28 अगस्त बताई गई है लेकिन इसमें फेरबदल हो सकता है। साथ ही उन्होंने नौ अन्य माँगें रखी हैं। इनमें सबसे प्रमुख महापंचायत ने माँग रखी है कि केस की सुनवाई नूँह के बाहर हो, और जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दिया जाए।
दंगे के दौरान मारे गए मृतक हिन्दुओं के परिजनों को एक-एक करोड़ की राशि दी जाए और पूरी तरह से मुस्लिम बहुल इलाका नूँह को गौमांस माफिया मुक्त बनाया जाए। महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया है कि नूँह का जिला का दर्जा समाप्त किया जाए और हिन्दुओं के दुकानों-घरों के जलने का ऑडिट हो, इस क्षेत्र से रोहिंग्या से मुक्त कराया जाए जबकि, दंगारोधी सैनिक बल पूर्णकालिक रूप से बनी रहे।
इतना ही नहीं महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हिन्दुओं को हथियार लेने का लाइसेंस लेने में ढील मिले ताकि वह अपनी जान माल की हिफाजत कर पाए। गौरतलब है कि 28 अगस्त से जल अभिषेक यात्रा फिर से शुरू करने की घोषणा के बीच रविवार को हरियाणा के पलवल जिले के पोंडरी गांव में सभी हिंदू जातियों द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया और सरकार से 9 मांगें की गईं। हिंदू महापंचायत आयोजन से जुड़े लोगों का कहना है कि नुहहिंसा की जांच हरियाणा पुलिस को नहीं बल्कि एनआईए को सौंपी जानी चाहिए ताकि दोषियों को पहचान कर उसे सख्त सजा दिलाई जा सके।
इस हिंसा में कई बेकसूर और निर्दोष हिंदुओं को प्रताड़ित किया गया जिसमें हिंदुओं की दुकानों/घरों आदि के नुकसान का सर्वेक्षण की जाए और जल्द से जल्द सरकार मुआवजा दे। आयोजकों का कहना था कि मेवात क्षेत्र को जिला बनाना एक गलत फैसला रहा और अब यह इलाका पूरी तरह से मिनी पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता है। इसके चलते इसे अब नूंह का जिले का दर्जा खत्म किया जाना चाहिए और इस जिले में गौ मांस की तस्करी होता है उसे पर भी रोक लगनी चाहिए।
महापंचायत का कहना था कि हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने में छूट दी जानी चाहिए (केवल एक आवेदन पत्र और एक पहचान पत्र के साथ)। ताकि हिंदुओं अपने आत्मरक्षा के लिए खुद को तैयार कर सके। दंगे के दौरान नूंह में दर्ज मामलों की सुनवाई नूंह से बाहर किसी कोर्ट में होनी चाहिए, नहीं तो न्याय नहीं मिलेगा। इस पर मुस्लिम तुष्टिकरण की आड़ में राजनीति की जाएगी।
महापंचायत का निर्णय हुआ कि नूंह में सुरक्षा बलों-आरएएफ/पुलिस की स्थायी तैनाती की जाए।हिंसा के दौरान मारे गए हिंदुओं के परिवारों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी में एक नियुक्ति और घायलों को 50 लाख रुपये का मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए। अवैध तौर पर शहर में रह रहे रोहिंग्या और किसी अन्य देश के लोगों को हटाया जाए।
सरकार को इसे लागू करने के लिए कानून बनाना चाहिए। तभी हिंदू चैन से इस इलाके में रह पाएंगे। महापंचायत के बाद अब हरियाणा के नूंह में फिर ब्रजमंडल यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 28 अगस्त का दिन तय किया गया है। हालांकि प्रशासन से बातचीत के बाद तारीख आगे-पीछे भी की जा सकती है।
पलवल में हुई सर्वजातीय हिंदू महापंचायत की अध्यक्षता मेवात के 40 हिन्दू पाल और 12 मुस्लिम पाल के अध्यक्ष चौधरी अरूण जैलदार ने की। महापंचायत में हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग पहुंचे । वहीं इस महापंचायत में हरियाणा गौरक्षा दल के उपाध्यक्ष आचार्य आजाद, सोहना के विधायक संजय सिंह, पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी भी शामिल हुए।