अर्चना कुमारी। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की घटना का एसआईटी, फारेंसिक टीम और न्यायिक जांच आयोग की टीम ने नाट्य रूपांतरण किया ।
एसआईटी और अन्य टीमें बृहस्पतिवार के दिन दोपहर करीब डेढ बजे घटनास्थल काल्विन हास्पिटल पहुंची जहां पहले से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इस दौरान, एडीजी भानु भास्कर, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा और संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि भी मौजूद थे। घटना के नाट्य रूपांतरण के दौरान अतीक और अशरफ के जीप से उतरने से लेकर अस्पताल के भीतर दाखिल होने और मीडियाकर्मियों द्वारा बाइट लेने के दौरान तीन युवकों द्वारा गोली चलाने का दृश्य दोहराया गया ।
इस नाट्य रूपांतरण के दौरान उन सभी पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर रखा गया जो अतीक और अशरफ की हत्या के समय मौजूद थे। इस नाट्य रूपांतरण से इस घटना की जांच में कई सुराग मिलने की संभावना है और उनके आधार पर आरोपियों से पूछताछ की जा सकती है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खुलासा किया गया है कि अतीक और अशरफ की हत्या का आरोपी अरुण मौर्य असद के वॉट्स्ऐप ग्रुप शेर-ए-अतीक का सदस्य रह चुका है।असद ने अतीक के लिए यह ग्रुप बनाया था।
इस ग्रुप में अतीक के वीडियो और उसके वर्चस्व की कहानी बताई जाती थी।इस ग्रुप से बाद में अरुण लेफ्ट हो गया था और वह 90 वॉट्स्ऐप ग्रुप का सदस्य बन गया था। अतीक हत्याकांड की जांच पुलिस इस लाइन पर भी कर रही है कि यह हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलिंग भी हो सकती है। तीनों शूटर्स के पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ होने की बात भी सामने आ रही है।
ऐसा भी हो सकता है कि हत्या के लिए किसी बड़े गैंग को सुपारी दी गई हो और इन तीनों शूटर्स को बड़ा माफिया बनने के लिए मोटिवेट किया गया हो। तीनों शूटर्स को साजिश का पता ही नहीं हो और इन्होंने हत्या कर दी।
तीनो शूटर्स नशेड़ी हैं ऐसे में इनका इस्तेमाल करना और हत्या करवाना आसान था। सूत्रों का दावा है कि एसआईटी ने बांदा से तीन युवकों को भी इस मामले में हिरासत में लिया है। तीनों अतीक हत्याकांड के आरोपी लवलेश के मित्र बताए जाते हैं।