विपुल रेगे। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के भारत में कदम रखते ही वातावरण में उबाल आ गया है। नरेंद्र मोदी सरकार से भारत-पाकिस्तान मैच रद्द करने की मांग की जा रही है। गुस्से में उबाल और बढ़ गया, जब भारत की धरती पर पाकिस्तानी विकेट कीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने गाज़ा और हमास के समर्थन में दुआ पढ़ डाली। कुछ उन्मादी क्रिकेट प्रशंसकों को छोड़ दे तो भारत की अधिकांश जनता ये मैच नहीं चाहती है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार को न देश के मान से कोई सरोकार है और न जम्मू-कश्मीर में बलिदान हो रहे सैनिकों से।
पाकिस्तानी टीम के भारत आने के बाद लगातार ऐसी बातें हो रही है, जिससे भारतीय जनता का गुस्सा अब फूटने लगा है। भारत के विरुद्ध तीसरा मैच खेलने के लिए पाकिस्तानी टीम जब गुजरात के अहमदाबाद पहुंची तो विश्व कप आयोजकों ने बेहद ही शर्मनाक काम किया। अहमदाबाद के एक पांच सितारा होटल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। पारम्परिक गुजराती परिधान चनिया चोली में सजी कुछ युवतियां खिलाडियों के आगमन पर नाचती दिखाई दी। हमसे शत्रुता रखने वाले देश के खिलाड़ियों पर फूलों की बरसात की गई, गुब्बारें उड़ाए गए।
पाकिस्तान का ऐसा स्वागत देश के लाखों लोगों को पसंद नहीं आया। इसके बाद लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर जमकर फूटा। लोगों को ये नागवार गुज़रा कि हिन्दू परिधानों में लड़कियों को पाकिस्तानियों के सामने नचवाया गया। इस मामले में बीसीसीआई ने शर्मनाक काम किया है। बीसीसीआई सचिव जय शाह से इसका जवाब मांगा जाना चाहिए। बेशर्म बीसीसीआई क्या भूल गई कि एक माह भी नहीं हुआ, जब अनंतनाग में हमारे चार सैनिक बलिदान हो गए थे।
व्यावसायिकता में आकंठ डूबी नरेंद्र मोदी सरकार को मैच किसी भी हाल में करवाना है, चाहे पकिस्तान का विकेट कीपर हैदराबाद के राजीव गाँधी इंटरनेशनल स्टेडियम में श्रीलंका से जीत के बाद गाजा और हमास के समर्थन में दुआ पढ़ जाए। ये कैसी सरकार है, जिसका खून पानी हो चुका है। इसके पहले भी जी 20 में अरब के शेखों के सम्मुख भारतीय नृत्यांगनाओं से नाच करवाया गया था। जय शाह कौनसी परिपाटी शुरु करवाना चाहते हैं ? भारत-पाकिस्तान मैच के लिए विशेष इंतज़ाम किये गए हैं। इस मैच में बॉलीवुड के सितारें परफॉर्म करेंगे। अमिताभ बच्चन को भी मैच में आमंत्रित किया गया है।
ये सवाल लाज़मी है कि विश्व कप की शुरुआत में कोई ओपनिंग सेरेमनी नहीं की गई थी और अब भारत-पाकिस्तान मैच के लिए इतने भव्य इंतज़ाम क्यों किये जा रहे हैं? दरअसल ये सरकार और क्रिकेट संगठन देशभर से उठ रही आपत्तियों के स्वर सुनना ही नहीं चाहते हैं। गुजरात में आम आदमी पार्टी के विधायक ने पाकिस्तान के साथ मैच होने की सूरत में पिच खोदने की धमकी दी है। इसके अलावा हिन्दू सेना ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से ये दौरा रद्द कर पाकिस्तानी टीम को वापस भेजने की मांग कर डाली है।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा ‘पाकिस्तान के रिजवान ने शतक बनाने के बाद कहा था कि यह शतक हमास और गाजा को समर्पित है। उसी आतंकवाद समर्थक रिजवान और उसकी पाक टीम का स्वागत अहमदाबाद के होटल में ‘हिन्दू लड़कियों’ को नचवा कर किया जा रहा है। ‘लव जिहाद’ भारत में नहीं बढ़ेगा तो और कहां बढ़ेगा? एक और यूज़र ने लिखा ‘अभी कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमारे तीन सैनिकों को मार डाला और अब तक हजारों सैनिकों-नागरिकों को मार डाला है, हमेशा भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का सपना देखते हैं और हम पाकिस्तानी क्रिकेटरों का भव्य स्वागत कर रहे हैं? गरबा, आरती सब कुछ, वो भी गुजरात में? ये आपकी संजीदगी है क्या बीसीसीआई?’
हमारी सरकार की दो मुंही नीतियों के बारे में क्या कहा जाए। वहां सरकार इज़राइल का समर्थन करती है और यहाँ अपने देश में भारत का क्रिकेट संगठन हमास का समर्थन करने वाले खिलाड़ियों के सामने लड़कियों का नाच करवाता है। फिर ये भी समझ में आता है कि बीसीसीआई और हमारी सरकार के लिए क्रिकेट से आ रहा करोड़ों रुपया महवत्पूर्ण है। सैनिक तो लड़ाई में बलिदान होते ही रहेंगे, सैनिकों का क्या है, क्रिकेट मैच होना ज़रुरी है। भारत में आए हमास के समर्थकों का दिल बहलाने के लिए लड़कियों को नचवाना ज़रूरी है।