अर्चना कुमारी। पूरे देश के लिए समान न्यायिक संहिता बनाने की मांग को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया गया है।
यह याचिका बीजेपी नेता व वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में विधि आयोग को देश के सभी अदालतों के लिए एक समान मानदंडों एवं अन्य व्यवस्था बनाने का निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में उन्होंने कहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट, राजस्थान हाईकोर्ट बांबे हाईकोर्ट आदि में उपयोग किए जाने वाले न्यायिक शब्दों, संक्षिप्त रूपों, मानदंडों, वाक्यांशों, अदालती शुल्क और केस पंजीकरण प्रक्रियाओं में भारी अंतर है। सभी के लिए उपयुक्त सभी व्यवस्था एक समान करने को लेकर सभी हाईकोटरे से परामर्श कर विधि आयोग को एक रिपोर्ट बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्देश दिया जाए।
याचिका में बांबे हाईकोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट की पीठों के इस्तेमाल की जाने वाली अलग-अलग शब्दावली का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि इससे भ्रम पैदा होता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालतें न केवल मामले के पंजीकरण के लिए विभिन्न मानदंडों और प्रक्रियाओं को अपना रही हैं और विभिन्न न्यायिक शर्तों, वाक्यांशों और संक्षिप्त रूपों का उपयोग कर रही हैं, बल्कि अलग-अलग अदालती शुल्क भी ले रही हैं, जो न्याय के अधिकार के खिलाफ है। पिछले साल इसी तरह की याचिका उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी और अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।