अर्चना कुमारी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि अगर मादक पदार्थ और अवैध प्रवासियों की कोई समस्या नहीं होती तो राज्य में मौजूदा स्थिति से बचा जा सकता था। अगर सरकार मादक पदार्थ के उपयोग के खिलाफ कदम उठाती है और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अनधिकृत अप्रवासियों की आमद के खिलाफ उसके अभियान असंवैधानिक पाए जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे।
यह बात उन्होंने मणिपुरी शासक महाराजा गंभीर सिंह की 190वीं पुण्य तिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 30 लाख आबादी में से 1.5 लाख युवा नशे की लत के शिकार हैं। वर्तमान और भावी पीढियों को बचाने के लिए मादक पदार्थ के खिलाफ युद्ध की घोषणा की गई थी। यदि मादक द्रव्य नहीं होते, पोस्ता की खेती नहीं होती और अवैध आप्रवासन नहीं होता तो वर्तमान स्थिति नहीं होती।
’मणिपुर सरकार की वास्तव में क्या गलती और असंवैधानिक कृत्य था जिसके कारण आम लोगों पर हमले हुए और उनके घर जलाए गए। यदि मादक द्रव्यों के खिलाफ सरकारी अधिनियम और अवैध आप्रवासियों की आमद के खिलाफ अभियान में कुछ भी असंवैधानिक था तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा। मुझे संविधान की रक्षा और कार्यान्वयन करना है, जो मेरी जिम्मेदारी है।
उन्होंने दावा किया कि पहले किसी ने भी राज्य के लोगों के साथ वर्तमान स्थिति पर चर्चा नहीं की थी और मादक पदार्थ के प्रभाव, पर्यावरण और पारिस्थितिक असंतुलन (अफीम की खेती के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण), जनसंख्या और जनसांख्यिकीय असंतुलन के मुद्दों पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया गया था।
उन्होंने कहा, हालांकि, आज यह बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्य कितनी परेशानी में है।’उन्होंने राज्य के सामाजिक मुद्दों और इतिहास पर चर्चा के लिए संवाद और संगोष्ठियां आयोजित करने की सलाह दी।