संदीप देव। समय प्रतिकूल चल रहा है। हृदयाघात से कम उम्र के लोगों की मृत्यु और अन्य अनेक हृदयविदारक घटनाएं प्रतिदिन सुनने को मिल रही है। ऐसे में हमें सप्त चिरंजीवियों का आह्वान प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए।
पुराण में आया है कि यदि सुबह उठकर सर्वप्रथम इस मंत्र का जाप कर लें तो दिन बाधा रहित और शुभ होता है। आयु बढ़ती है। इस एक दो श्लोक में सप्त और मार्केडेय ऋषि सहित आठों चिरंजीवी के नाम सम्मिलित हैं:-
अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविन:।।१।।
सप्तैतान् स्मरेन्नित्यम् मार्कण्डेयम् तथाष्टमम्।
जीवेद् वर्षशतं सोऽपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥२।।
अर्थात:
अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम ये सात चिरंजीवी हैं। [1]
यदि इन सात चिरंजीवियों और आठवें ऋषि मार्कण्डेय का नित्य स्मरण किया जाए तो सारे रोग समाप्त हो जाते है और 100 वर्ष की आयु प्राप्त होती है। [2]
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