आईएसडी नेटवर्क। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने अपने फोरेंसिक हेड डॉक्टर सुधीर गुप्ता के मीडिया में दिए बयान से किनारा करते हुए कह दिया है कि उनके इस बयान से संस्थान का कुछ लेना-देना नहीं है। डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने जाँच के बीच में ही मीडिया को जानकारी लीक की। उन्होंने मीडिया को निजी बयान दिया था।
जिसे मीडिया ने एम्स का आधिकारिक बयान बताकर पेश किया था। उल्लेखनीय है कि इस पैनल के किसी डॉक्टर को इजाजत नहीं थी कि फोरेंसिक जाँच से जुड़ी कोई जानकारी मीडिया में लीक करें। इस खुलासे के बाद अब स्वास्थ्य मंत्रालय इस मामले की जाँच करने जा रहा है।
डॉक्टर सुधीर गुप्ता की बयानबाज़ी को स्वास्थ्य मंत्रालय ने संज्ञान में ले लिया है। अब स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन स्वयं इस मामले की जाँच करने जा रहे हैं। सोमवार को जब न्यूज़ चैनलों ने डॉक्टर गुप्ता के निजी बयान को एम्स का आधिकारिक बयान कहकर चलाने के बाद सुशांत समर्थकों का गुस्सा फट पड़ा।
सुधीर गुप्ता के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। शाम होते-होते एम्स ने डेमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया और संस्थान ने डॉक्टर गुप्ता के बयान से किनारा करते हुए कह दिया कि एम्स का उनके बयान से कुछ लेना-देना नहीं है।
हालाँकि तब तक रिया चक्रवर्ती के वकील और उसके समर्थक ये मांग उठा चुके थे कि रिया को तुरंत रिहा किया जाए। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा कि हमारी जाँच शुरु से ही ठीक थी। उन्होंने कहा एक एजेंडे के तहत हमें बदनाम करने का प्रयास किया गया।
अब स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वे मामले की अपने ढंग से जाँच करेंगे। इसका मतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत का केस अभी और समय लेने वाला है। इसमें सबसे बड़ा सवाल सीबीआई पर खड़ा हो गया है। डेढ़ माह की जाँच के बारे में देश जानना चाहता है लेकिन अब तक एजेंसी की ओर से एक प्रेस वार्ता तक नहीं ली गई है।
सोमवार को सुधीर गुप्ता का विवाद उठने के बाद अपेक्षा की जा रही थी कि अंधे कुँए में समाते जा रहे इस केस को पारदर्शिता की हद में लाया जाएगा और सीबीआई सामने आएगी। कुल मिलाकर सुशांत के समर्थकों के लिए निराशा की स्थिति बन गई है। सुशांत की हत्या को चार माह होने आ रहे हैं लेकिन सीबीआई अब तक हत्या का केस तक दर्ज नहीं कर सकी है।
करण जौहर के कार्यकारी निर्माता क्षितिज रवि प्रसाद ने एनसीबी द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उसके बाद से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की छापेमारी की कार्रवाई पूरी तरह ठप पड़ गई है।
तीस फ़िल्मी सितारों के नाम उजागर नहीं किये गए हैं और न ही दोबारा दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर और सारा अली खान को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है। शाहरुख़ खान, अर्जुन रामपाल और रणबीर कपूर का नाम आने के बाद भी उन्हें समन नहीं भेजा गया है।
करण जौहर मजे से गोवा में छुट्टियां बिता रहे हैं लेकिन अब एक एनसीबी ने उन्हें भी समन नहीं भेजा है। पिछले चार दिन से एनसीबी मुंबई में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। क्या ये इस बात का संकेत है कि ड्रग्स मामले को और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।