टीवी न्यूज पर जिस तरह रात-दिन नकारात्मक खबर आती है, वही हाल अब सोशल मीडिया का है। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर आदि खोलिए बस- किसी की मृत्यु का पोस्ट, मैं पोजीटिव हो गया, मैं अस्पताल में हूं-जैसे पोस्ट की भरमार मिलती है। हमारे एक जानकार का फेसबुक पर रोज ऐसी खबर देखने के कारण हार्टअटैक हो गया।
पहले दिन से लोगों से कह रहा हूं डर को हावी मत होने दीजिए, लेकिन यहां लोग खुद डर बांटने में ही जुट गये, लोगों की संवेदना हासिल करने के लिए। यह भी एक साइकोलॉजिकल डिसआर्डर है।
देश भर के मनोचिकित्सकों द्वारा मीडिया को जो पत्र लिखा गया है, वह सोशल मीडिया पर भी लागू होता है। अत: मैं स्वयं के लिए घोषणा करता हूं:-
1) इस पूरे आपदा काल में मैं मृत्यु या बीमारी से जुड़ी किसी भी पोस्ट को न लाइक करूंगा, न उस पर संवेदना ही व्यक्त करूंगा। मानव जीवन की महत्ता को ध्यान में रख कर मैं यह निर्णय ले रहा हूं।
2) सारी न्यूज केवल India Speakas Daily के फेसबुक पेज और टेलीग्राम, यूट्यूब कम्युनिटी पर दी जाएगी। मेरे प्रोफाइल पर अब एक भी न्यूज आपको नहीं मिलेगी।
3) प्रोफाइल पर केवल आध्यात्मिक परिचर्चा, सकारात्मक खबरें, सिनेमा, साहित्य, संस्कृति और पुस्तकों से जुड़ी सूचनाएं होंगी।
एक लेखक और पत्रकार के नाते मैं जो कर सकता हूं वही कर रहा हूं। आप सब भी नकारात्मकता से बाहर निकलिए, अन्यथा उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, अवसाद, तनाव, मधुमेह, मानसिक आघात जैसी अनेक बीमारियों के शिकार आप खुद भी होंगे, और अपनी बीमारी को पोस्ट कर दूसरों को भी बीमार करेंगे।
आप अपने परिवार के लिए महत्वपूर्ण हैं, सोशल साइट्स के लिए नहीं-यह हमेशा याद रखिए। सोशल मीडिया पर नकारात्मक खबर पोस्ट करने से बचिए। लोगों की संवेदना हासिल करना आपके अपने जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। धन्यवाद।