* वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखने के बाद स्वामी ने आरटीआई के तहत सूचना के लिए दिए 10 आवेदन
* स्वामी के इस कदम से वित्त सचिव हंसमुख अधिया के माथे पर आई शिकन, वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले
अधिया का चिंतित होना स्वाभाविक भी है क्योंकि स्वामी ने वित्त मंत्रालय को सूचना देने के लिए जो आवेदन दिए हैं उनमें उन्होंने अधिया की कई चूकों का हवाला दिया है। स्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत जो सूचनाएं मांगी हैं वे सारी विवादित डील से संबंधित है। उन्होंने इस संदर्भ में 26 सितंबर को आवेदन दिया था। उन्होंने अपने आवेदन में जीएसटीएन को लेकर दिए गए कॉन्ट्रैक्ट से सम्बंधित जानकारी देने को कहा है। इतना ही नहीं विवादित भगोड़ा नीरव मोदी द्वारा तोशाखाना को दिए सोने के बिस्कुट जमा करने के बारे में भी जानकारी मांगी है। मालूम हो कि वित्त सचिव ने तोशाखान से सोने के बिस्कुट प्राप्त किेए थे। तोशखाना वह केंद्र है जहां पर विदेश दौरे पर गए सरकारी अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया गया तोहफा रखा जाता है।
जिस प्रकार स्वामी ने वित्त मंत्रालय के खिलाफ घेरा डालना शुरू किया है उससे वहां के अधिकांश अधिकारियों में तनाव देखा जा सकता है। इसी कारण अधिया ने जेटली से भेंट कर बताया कि स्वामी ने जो भी सूचनाएं मांगी हैं उनमें से कर एकत्रित करने वाली संस्था जीएसटीएन से संबंधित है। स्वामी का कहना है कि इस मामले में विवादित तथा अवैध रूप से निर्णय लिए गए हैं। मालूम हो कि हाल ही में जीएसटीएन को केंद्र सरकार ने पूर्व रूप से सरकारी कंपनी घोषित कर दिया है।
स्वामी ने जीएसटीएन फंडिंग को सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) से हटाकर अनिवार्य करने के लिए अधिया द्वारा लिए गए अवैध निर्णय तथा फाइल नोटिंग की मांग की है। स्वामी ने कहा है कि क्या जीएसटीएन को जीआरएफ से छूट के लिए वित्त मंत्रालय ने कैबिनेट से मंजूरी ली थी? उन्होंने कहा कि इस प्रकार का अवैध निर्णय सीएजी जांच से बचने के लिए लिया गया था। उनका दूसरा प्रश्न भी जीएसटीएन से जु़डा है। उन्होंने पूछा है कि आखिर इन्फोसिस को ही क्यों चुना गया और उसे करीब तीन हजार करोड़ रुपये दिए गए? आखिर बिना निविदा के ही किसी निजी कंपनी को कैसे चुना गया ?
हालांकि उनकी सारी सूचनाएं अधिया से जुड़ी हुई है लेकिन सोने की बिस्कुट वाली तो सीधे अधिया से संबंधित है। उन्होंने भगोड़ा नीरव मोदी से साल 2016 में अधिया द्वारा विवादित तथा अवैध रूप से सोने के बिस्कुट लेने के बारे में पूछा है। जिसे अधिया ने अपने विदेश दौरे पर जाने के दौरान तोशाखाना में जमा करा दिया था। स्वामी का कहना है कि इस मामले में अधिया अभी तक झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें पता नहीं कि सोने के बिस्कुट उन्हें किसने गिफ्ट किया?