पूरे देश में निरंतर कोरोना समाप्त होता जा रहा है। हाई रिकवरी रेट, लो न्यू केसेज, लो मॉरबीडिटी इस बात का सूचक है कि कोरोना के प्रति देश में ‘हर्ड इम्यूनिटी’ डेवलप हो चुकी है। कोरोना स्वयं समाप्त होने के कगार में है।
जब देश में कोरोना बढ़ रहा था और तबाही का आलम अपने चरम पर था, उस समय देश कोरोना को रोकने के लिये ताली-थाली, दिये और पुष्पवर्षा कर रहा था। अब जब कोरोना स्वतः मर रहा है तो प्रीमैच्योर वैक्सीन का प्रयोग कर विजय पताका फहराने का प्रयास बहुत तेजी से चल रहा है।
सिरम इंस्टीट्यूट ने 4-5 करोड़ वैक्सीन तो डी जी सि आई के एप्रूवल के पहले ही बना ली थी। फिर इस वैक्सीन का प्रयोग उस समय क्यों नहीं किया गया जब देश में कोरोना के केस बढ़ रहे थे और देश वास्तविक इमरजेंसी से गुजर रहा था ?
हाल ही में डी जी सि आई ने पूर्व में बनी वैक्सीन को 110% सुरक्षित घोषित किया, क्या यह गुणवत्ता वैक्सीन में पहले नहीं थी?
कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी एप्रूवल प्रयोग की क्या आवश्यकता है? जब कोरोना समाप्त हो रहा है तो वैक्सीन क्या काम है?
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस देश में लोग एक्स-रे व जॉंच को ही इलाज मान लेते हैं उन्हें यह समझा पाना कितना कठिन है कि वैक्सीन कोरोना का इलाज नहीं है। वैक्सीन ना ही कोरोना की दवा है और ना ही इम्यूनिटी बूस्टर है।
वैक्सीन आपको कोरोना विषाणु से संक्रमित करती है। विषाणु के शरीर में प्रविष्ट करते ही आपकी इम्यूनिटी परिस्थिति का ऑंकलन कर विषाणु को समाप्त करने हेतु उपयुक्त एन्टीबॉडी बनाकर विषाणु को समाप्त कर देती है।
इससे आपकी इम्यूनिटी को विषाणु विशेष के संक्रमण पर उपयुक्त एन्टबॉडी बनाने का ज्ञान प्राप्त हो जाता है। अत: जब भी आपको संक्रमण होगा आपकी इम्यूनिटी अविलम्ब पूर्व निर्मित एन्टीबॉडी बनाकर विषाणु से सुरक्षित कर लेगी और आप संक्रमण से बच जायेंगे।
परन्तु यदि वैक्सीन लेते समय आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आप उस विषाणु से संक्रमित भी हो सकते हैं। एक वैक्सीन एक ही प्रकार के विषाणु से सुरक्षा प्रदान करेगी।
अत: यदि विषाणु निरंतर स्वयं को परिवर्तित करता जा रहा है तो आपको प्रत्येक परिवर्तित विषाणु हेतु वैक्सीन लेनी पड़ेगी।
लोगों को यह बात समझ नहीं आ रही की कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय सस्टेन्ड इम्यूनिटी है। जिसके लिये आपको वैक्सीन नहीं अपितु अपनी दिनचर्या तथा खानपान में परिवर्तन की ज़रूरत है।
इम्यूनिटी को मज़बूत बनाये रखने के पॉंच नियम-
(1) ताज़ा पौष्टिक आहार
(2) नियमित व्यायाम
(3) 6-8 घंटे की नींद
(4) शरीर को आराम
(5) तनावमुक्त जीवन
क्या यह वैक्सीन से अधिक ख़तरनाक या कठिन है? वैक्सीन में तो सिर्फ़ कोरोना से सुरक्षित करने का प्रावधान है पर इनका अनुसरण कर आप हर प्रकार के जीवाणु तथा विषाणु के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बच सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आप वैक्सीन के शार्ट और लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट से भी बच सकते हैं।
कमाण्डर नरेश कुमार मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
ईमेल- zyropathy@gmail.com
वेवसाइट – www.zyropathy.com
Ye baat tou apko bhi modi ji se bhi puchna chahiye ki har baat pe Ayurveda ratne wale ki kya jarurat aan padi allopathy tatti vaccine ka prachar karne ki ab bhi nahi samjhe tou phir ishwar bhi kuch nahi kar sakta isme.