झूठा इतिहास पढ़ाने वाला , राष्ट्र का सच्चा पुत्र नहीं ;
तुष्टीकरण बढ़ाने वाला , हिंदू का तो मित्र नहीं ।
शाहीन बाग से डरने वाला , राजनीति के योग्य नहीं ;
रोड जाम करवाने वाला , वो भी पद के योग्य नहीं ।
अल्पसंख्यकवाद बढ़ाने वाला , राष्ट्र बांटने वाला है ;
राष्ट्र का पक्का शत्रु यही है , गुंडों का रखवाला है ।
बात-बात पर रोने वाला , वो कायर कहलाता है ;
भरे हुए हैं राष्ट्र में कायर , डी एन ए मिलवाता है ।
सद्गुरु -विकृति से जो पीड़ित , नरसंहार कराता है ;
क्षमादान देने की गलती , बार-बार दोहराता है ।
राष्ट्र बचाना जिसे न आता , मन की बातें कहता है ;
शासन करना जिसे न आता , सबसे विश्वास बढ़ाता है ।
कानून का शासन सर्वोपरि है , इस पर कोई ध्यान नहीं ;
परम-शत्रु जो भ्रष्टाचार है , उस पर कोई लगाम नहीं ।
इन्हें न शासन करना आता , ब्यूरोक्रेट्स चलाते हैं ;
इनको बस नौटंकी आती , जनता को मूर्ख बनाते हैं ।
झूठे इतिहास का नशा पिलाकर , किया नपुंसक हिंदू है ;
धर्म से दूर किया बच्चों को , इसी से गिरता हिंदू है ।
नैतिक शिक्षा दूर हटा कर , सबको भ्रष्ट बना डाला ;
गांधी – नेहरू की साजिश को , तूने परवान चढ़ा डाला ।
धर्म-भ्रष्ट हिंदू को करके , वामी,कामी,जिम्मी छाये ;
राष्ट्र नोंचने वाले सारे , गिद्ध और कौवे आये ।
सोशल मीडिया अंतिम आशा, ज्ञान की किरणें आयीं हैं ;
सच्चा इतिहास सामने आया , गुंडों की शामत आयी है ।
हिंदू कितना छला गया है ? हिंदू इसको अब जान रहा है;
राष्ट्र के दुश्मन कितने नेता? उन सब को भी जान रहा है।
अज्ञान की निद्रा दूर हट रही , हिंदू क्रमशः जाग रहा है ;
सही राह अब नेता पकड़ें, उनका छल बल दीख रहा है ।
हिंदू – शौर्य को आना ही है , अब न कोई रोक सके ;
टूट चुका है बांध सब्र का , कोई प्रवाह न रोक सके ।
हिंदू – नेता होश में आयें , वरना कूड़ेदान में जायें ;
हिंदू – जनता ठान चुकी है , अब तो हिंदू- राष्ट्र बनायें ।
भारत की जितनी भी है समस्या , हिंदू राष्ट्र से सुलझेगी ;
ये तो अब होके ही रहेगा , सारी दुनिया देखेगी ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”