राजीव मल्होत्रा की Snakes in the Ganga को हर भारतीय को पढ़ना चाहिए ताकि उसे पता चले कि उसके विरुद्ध किस तरह का ग्लोबल वार चल रहा है, जिसका केंद्र US का Harvard university है। ताज्जुब यह है कि भारत के अरबपति harvard university को फंड करते हैं, भारत को तोड़ने और सनातन परिवार व समाज व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए।
वहीं भारत की सरकार भी हार्वर्ड से सर्टिफाइड होने के लिए उनकी ही विभाजक नीतियों को आगे बढ़ा देती है। नई शिक्षा नीति हार्वर्ड सर्टिफाइड है और नीति आयोग में ये विभाजक तत्व दखल रखते हैं।
सिंगापुर जैसे छोटे देश की सरकार ने भी हार्वर्ड पर सिकंजा कस दिया और चीन तो पहले ही हार्बर्ड को कसे हुए है, लेकिन भारत की सरकार, भारत के उद्यमी और भारत का एलिट वर्ग harvard university से सर्टिफाइड होने के लिए अपने ही देश व धर्म के विरुद्ध उनकी थ्योरी को फंड करने से लेकर अपनी योजनाओं तक में उसे जगह देने और उसके एजेंडे को बढ़ाने में जुटे हैं।
पुस्तक एक-एक व्यक्ति, संस्था और उद्यमियों का नाम तक उजागर करती है। अब इसे जनता यदि पढ़े और जनमत का दबाव बनाए तो ही कुछ हो सकता है, अन्यथा पूरा कुंआ अफीम से पटा पड़ा है और किसी को कोई चिंता नहीं है! इस पुस्तक का अनुवाद देश की हर भाषा में होना चाहिए ताकि एक बड़ा वर्ग इन साजिशों को समझ कर इसके विरुद्ध उतर सके।
sandeepdeo
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