आदिपुरुष तो एक बहाना
तथाकथित हिंदू-वादी दल , राम की छवि धूमिल करता है ;
“आदिपुरुष” तो एक बहाना , हिंदू-धर्म भ्रष्ट करता है ।
यही तो ग्लोबल – एजेण्डा है , हिंदू – धर्म नष्ट हो जाये ;
अब्राहमिक अब्बासी-हिंदू , इसके बदले ईनाम को पाये ।
सब के सब ईनाम दे रहे व इसका ईमान ले लिया ;
इसको अपना नेता चुनकर, हिंदू ने खुद को नष्ट कर लिया ।
हिंदू के लिये मौत का मुँह है , धर्म – सनातन से दूरी ;
शत्रुबोध मिट रहा है पूरा , गला कटाना मजबूरी ।
धर्म से दूर हुआ जो हिंदू , अपना सब कुछ खो देगा ;
धन , जीवन , सम्मान जायेगा , अपने बच्चे तक खो देगा ।
गैंगरेप बेटी संग होगा , बेटा भी न बच पायेगा ;
हिंदू ! तत्क्षण धर्म में लौटो , वरना ये हो जायेगा ।
तथाकथित तेरे जो रक्षक , धर्म बिना हो गये हैं भक्षक ;
धर्म-विहीन नेतृत्व हो जाता , जहरीला विषधर जो तक्षक ।
जागो ! हिंदू अब तो जागो,अकाल-मृत्यु को मत अपनाओ ;
धर्म-सनातन के जो रक्षक , उनकी उत्तम सरकार बनाओ ।
गुंडों का सरकारी-संरक्षण , हर कीमत पे हटाना होगा ;
सारे मानव एक बराबर , कानून का शासन लाना होगा ।
धर्म का शासन,न्याय का शासन,वो होगा कानून का शासन;
सबसे पहले धर्म को लाओ , तब होगा सर्वोत्तम-शासन ।
धर्म – विहीन अभी जो शासन , अनाचार ही लाता है ;
चरित्रहीनता , भ्रष्टाचार व अत्याचार बढ़ाता है ।
केवल गुंडे ही फलते – फूलते , भले – लोग मिट जाते हैं ;
जिस समाज में ऐसा होता , दुनिया से मिट जाते हैं ।
यही अवस्था भारत की है , जल्दी ही मिटने वाला है ;
जब तेरे रक्षक बने हों भक्षक , तब यही तो होने वाला है ।
अब तो केवल धर्म-सनातन , भारतवर्ष बचा सकता है ;
ऐसा दल सत्ता में लाओ , धर्म – सनातन ला सकता है ।
एकमात्र ऐसा ही दल है , “एकम् सनातन भारत” दल ;
अब्राहमिक-ग्लोबल-एजेंडा , केवल ये कर सके विफल ।
पुरस्कार की चाहत वाले , नेता धर्म के दुश्मन हैं ;
भारत को नीलाम कर रहे , इनका कितना गंदा मन है ?
अब हिंदू को देश बचाना , अपना – धर्म बचाना है ;
इसी लक्ष्य को पूरा करने ,”एकम् सनातन भारत” लाना है ।
“जय सनातन-भारत”,रचनाकार:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”